नई दिल्ली: भारत में बढ़ते कोविड-19 मामलों को को देखते हुए भारत से फरार आरोपी नित्यानंद ने अपने देश कैलासा में भारतीयों के एंट्री पर बैन लगा दिया है. भारते के अलावा ब्राजील, यूरोपीय संघ और मलेशिया से आने वाले यात्रियों की भी एंट्री रोक दी गई है.
कैलासा के आदेश में कहा गया है कि इन देशों में कोरोना वायरस की दूसरी और तीसरी लहर के कारण यह फैसला लिया गया है और अगले नोटिस तक इन देशों के यात्रियों पर रोक लगी रहेगी. कई रिपोर्टों के अनुसार, कैलासा इक्वाडोर के तट पर स्थित है और स्वयंभू धर्मगुरु नित्यानंद भारत से फरार होने के बाद यहीं पर छिपा हुआ है.
5 वर्षों में 1 लाख लोग कैलासा में बसाने का लक्ष्य
पिछले साल यौन उत्पीड़न के फरार आरोपी नित्यानंद ने कैलासा की यात्रा के लिए तीन दिन के वीजा की घोषणा की थी. एक वीडियो में उसे यह कहते हुए सुना गया था कि "अगले 5 वर्षों में कम से कम 1 लाख लोग कैलासा में बस जाएंगे."
अपने एक फेसबुक वीडियो में नित्यानंद ने कहा था कि कैलासा में रहने के लिए 29 लोगों ने आवेदन किया. आने वाले लोगों की मदद के लिए 'गरुड़' नाम से एक चार्टर्ड फ्लाइट सेवा शुरू की गई. घोषणा में कहा था कि केवल ऑस्ट्रेलिया के लोगों को ही आने की अनुमति दी गई.
रिजर्व बैंक ऑफ कैलासा बनाने की भी की थी घोषणा
कथित देश कैलासा की ऑफिशियल वेबसाइट के अनुसार इसकी स्थापना " दुनियाभर में अपने देश में हिंदू धर्म की प्रैक्टिस करने का अधिकार खो चुके लोगों के" लिए बसाया गया था. एक वीडियो जारी कर अगस्त 2019 में देश में 'रिजर्व बैंक ऑफ कैलासा' की स्थापना की भी घोषणा की थी.
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