लाल किला हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू को तीस हजारी कोर्ट से मिली जमानत
दीप सिद्धू को 8 फरवरी की रात हरियाणा के करनाल बाइपास से गिरफ्तार किया गया था. भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत सिद्धू पर मामला दर्ज किया गया था.
इस साल गणतंत्र दिवस के मौके पर लाल किले पर हुई हिंसा के आरोपी दीप सिद्धू को दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने आज सशर्त जमानत दे दी है. कोर्ट ने 30,000 रुपये के निजी मुचलके पर दीप सिद्धू को जमानत दी है. कोर्ट ने जमानत के साथ जो शर्तें लगायी हैं उसके तहत सिद्धू को पुलिस स्टेशन में हाजिरी लगानी होगी, अपना पासपोर्ट जमा करना होगा, फोन नंबर नहीं बदलना होगा और हिंसा के सबूतों के साथ किसी तरह की छेड़छाड़ नहीं करनी होगी.
बता दें कि, गणतंत्र दिवस के दिन राष्ट्रीय राजधानी में किसानों की ट्रैक्टर परेड के दौरान किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच झड़प हुई थी. इस बीच, कुछ प्रदर्शनकारी ट्रैक्टर लेकर लाल किले पहुंचे थे. इनमें से कुछ अंदर गए और लाल किले की प्राचीर पर धार्मिक झंडा लगा दिया. इस दौरान हुई हिंसा में करीब 500 पुलिसकर्मी घायल हो गए और एक प्रदर्शनकारी की मौत हुई थी.
पिछली सुनवाई में की थी जमानत की अपील
8 अप्रैल को हुई पिछली सुनवाई में दीप सिद्धू ने खुद को निर्दोष बताया था और इस मामलें में जमानत देने का आग्रह किया था. सिद्धू ने कहा था कि उसे फर्जी तरीके से मामले में फंसाया जा रहा है. वहीं अभियोजन पक्ष ने जमानत पर आपत्ति जताते हुए उसे मुख्य आरोपी बताया था. हालांकि कोर्ट ने आज सिद्धू को सशर्त जमानत देने कि फैसला किया.
कोर्ट में दीप सिद्धू के वकील ने उनका पक्ष रखते हुए कहा था कि उनके मुवक्किल के खिलाफ कोई सबूत नहीं है, जिससे पता चल सके कि उसने हिंसा के लिए लोगों को भड़काया. उन्होंने कहा कि किसान ट्रैक्टर परेड के लिए किसान नेताओं द्वारा आह्वान किया गया था, दीप सिद्धू तो किसान यूनियन का सदस्य भी नहीं है. इतना ही नहीं सिद्धू ने लाल किला पंहुचने के लिए किसी को भी कोई कॉल भी नहीं किया. उन्होंने कहा था कि सिद्धू ने दिल्ली में हिंसा का एक भी काम नहीं किया है और हिंसा भड़कने से पहले ही वह आंदोलन से अलग हो गया था. वहीं सरकारी वकील ने कहा कि दीप सिद्धू के लालकिला पहुंचने बाद ही पुलिस पर हमला हुआ. इतना ही नहीं आरोपी ने वहां पर लोगों को संबोधित किया और उनको उकसाया, नारे लगाए.
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