लोकसभा चुनावों में भारतीय जनता पार्टी (BJP) को अयोध्या में बड़ी हार मिली है. यहां समाजवादी पार्टी के अवधेश प्रसाद सिंह ने करीब 55 हजार वोटों के अंतर से बीजेपी उम्मीदवार लल्लू सिंह को हरा दिया. लल्लू सिंह 2014 और 2019 में लगातार दो बार फैजाबाद लोकसभा सीट पर जीते, लेकिन इस बार हार गए. अयोध्या फैजाबाद लोकसभा सीट के अंदर ही आता है.
अयोध्या में बीजेपी की हार पर आचार्य अनिरुद्ध ने कहा कि अयोध्यावासियों ने अपनी जिम्मेदारी नहीं निभाई. उन्होंने कहा कि जो सनातनी भगवान की बात करते हैं, अगर उनको ही छोड़ देंगे तो फिर सनातन की बात कौन करेगा. आचार्य अनिरुद्ध ने यह भी बताया कि बीजेपी से क्या गलती हुई, जिसकी वजह से उसे यहां हार मिली.
आचार्य अनिरुद्ध ने कहा, 'ये तो अयोध्या वालों की जिम्मेदारी थी कि राम का सपोर्ट करते और जिन्होंने राम का मंदिर बनावाया है, उनका सपोर्ट करते. ये अयोध्या वालों की जिम्मेदारी थी, जो उन्होंने नहीं निभाई. उन्होंने अपना कार्य पूरा नहीं किया.'
उन्होंने आगे कहा कि सनातनी जो भगवान को लेकर चलने वाले लोग हैं. अगर हम सनातनी उनको ही छोड़ देंगे तो फिर सनातन की बात कौन करेगा, सनातन को लेकर चलेगा कौन. फिर तो आज मंदिर बना है, कल तोड़ दिया जाएगा, अगर सनातनी संगठित नहीं हुए तो. आचार्य अनिरुद्ध ने कहा कि उस समय भी तो सनातनी थे, लेकिन संगठित नहीं थे इसलिए मंदिर टूटा था. आज फिर वही स्थिति हो गई कि मंदिर बनते देर नहीं हुई कि विभाजन शुरू.
अचार्य अनिरुद्ध ने यह भी बताया कि बीजेपी की तरफ से क्या गलती हुई. उन्होंने कहा, 'अयोध्या के किसी लोकल व्यक्ति को टिकट देना चाहिए था, जिसने अच्छे काम किए हों. लोगों का कहना है कि कैंडिडेट अयोध्या का था ही नहीं. राजनीति में ये गलत निर्णय होता है.'
उन्होंने आगे कहा, 'अब जैसे मुंबई और दिल्ली के लोग यूपी में आकर चुनाव लड़ रहे हैं. उनका यहां से क्या संबंध है. वो यहां की गलियों और भावनाओं को क्या जान पाएंगे. लोकल कैंडिडेट होता है तो वहां की दिक्कतों और परेशानियों को समझता है. तो अगर पार्टी से ऐसी गलती हुई है तो उसमें सुधार करना चाहिए.'
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