कांग्रेस ने राम मंदिर की प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न होने का फैसला किया है. कांग्रेस ने इसे बीजेपी और आरएसएस का कार्यक्रम बताते हुए आधे-अधूरे मंदिर के उद्घाटन पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में शामिल न होने के फैसले को पार्टी के ही नेता आर्चाय प्रमोद कृष्णम ने दुखद बताया है. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, कांग्रेस के इस फैसले से कार्यकर्ताओं का दिल टूट गया है. आचार्य प्रमोद की इस पोस्ट पर कई सोशल मीडिया यूजर्स ने भी अपनी प्रतिकिया दी है. किसी ने इसे कांग्रेस के लिए अंतिम दिन की शुरुआत बताया, तो किसी ने प्रमोद कृष्णम को ही कांग्रेस छोड़ने की सलाह दे डाली.


क्या कहा था आचार्य प्रमोद कृष्णम ने?


आचार्य प्रमोद कृष्णम ने X (पहले ट्विटर) पर पोस्ट किया, ''श्री राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और आत्मघाती फैसला है, आज दिल टूट गया.'' इसके बाद उन्होंने इस मुद्दे पर समाचार एजेंसी एएनआई से भी बातचीत की. इस दौरान उन्होंने कहा, ''राम मंदिर और भगवान राम सबके हैं. कांग्रेस हिंदू विरोधी पार्टी नहीं है,  कांग्रेस राम विरोधी नहीं है. यह कुछ लोग हैं जिन्होंने इस तरह का फैसला कराने में भूमिका अदा की है. इस फैसले से पार्टी के कई कार्यकर्ताओं का दिल टूटा है. निमंत्रण को स्वीकार ना करना बेहद दुखद और पीड़ादायक है.''






प्रमोद कृष्णम की पोस्ट पर यूजर्स ने इस तरह दिए रिएक्शन



  • कपिल प्रताप सिंह नाम के यूजर ने लिखा, आज से कांग्रेस पार्टी के अंतिम दिन शुरू हो चुके हैं. 

  • अपर्णा अग्रवाल नाम की एक अन्य यूजर ने लिखा, आप पार्टी से इस्तीफा दे देंगे तो कांग्रेस के लिए अच्छा होगा. 

  • निशांत नाम के यूजर ने लिखा, ''प्रमोदजी- कांग्रेस को कोई और नही, बल्कि उसके खुदके कुकर्म बर्बाद कर रहे है.''

  • एक अन्य यूजर ने लिखा, बात तो ऐसे कर रहे हैं, जैसे राम मंदिर जाने से सारे भाजपाई कांग्रेस को वोट दे देते. 

  • एक अन्य ट्विटर यूजर ने लिखा, अब आपका दिल टूट गया है, तो दिल जोड़ने के लिए तत्काल प्रभाव से बीजेपी जॉइन कर लीजिए महाराज. 

  • आफरीन नाम की यूजर ने लिखा, कांग्रेस का राम मंदिर के निमंत्रण को ठुकराने का फैसला बिलकुल सही है. 


कांग्रेस ने राम मंदिर को लेकर क्या कहा?


अयोध्या में 22 जनवरी को राम मंदिर का उद्घाटन और राम लला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम तय है. कांग्रेस ने इससे दूरी बनाने का फैसला किया है. कांग्रेस ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा कि यह राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और भारतीय जनता पार्टी का कार्यक्रम है और वह इस संदर्भ में आए आमंत्रण को ससम्मान अस्वीकार करती है. बीजेपी इस फैसले को लेकर कांग्रेस पर निशाना साध रही है.