Acharya Pramod Krishnam: कोलकाता पर राहुल गांधी की चुप्पी! आचार्य प्रमोद ने साधा निशाना, बोले- सिर्फ झल्लाओगे?
Acharya Pramod Krishnam: कोलकाता में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर केस पर पूरे देश में उबाल है. मामले को लेकर जब राहुल गांधी से सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि वो इस मुद्दे पर अभी बात नही करेंगे.
Pramod Krishnam On Rahul Gandhi: कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में जूनियर डॉक्टर के साथ रेप-मर्डर केस में राजनीति भी अपने चरम पर है. मंगलवार (20 अगस्त) को उत्तर प्रदेश के रायबरेली पहुंचे विपक्ष के नेता राहुल गांधी से इस मामले को लेकर मीडिया ने सवाल किया तो उन्होंने इसे इग्नोर कर दिया. इसको लेकर कांग्रेस नेता पर लगातार हमला हो रहा है.
ताजा घटनाक्रम में कांग्रेस के पूर्व नेता आचार्य प्रमोद कृष्णम ने राहुल गांधी पर निशाना साधा. उन्होंने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर एक पोस्ट में उन्हें टैग करते हुए लिखा, “रायबरेली जाना तो “ठीक” है राहुल गांधी जी, लेकिन “अयोध्या” और “कलकत्ता” कब जाओगे, या सवाल पूछने पर सिर्फ़ झल्लाओगे…?”
कोलकाता रेप-मर्डर केस के सवाल पर क्या बोले राहुल गांधी?
दरअसल, राहुल गांधी रायबरेली में एक दलित युवा की गोली मारकर हत्या कर दी गई, पीड़ित परिवार से मुलाकात करने के लिए वो अपने लोकसभा क्षेत्र में पहुंचे थे. इस दौरान राहुल गांधी से कोलकाता रेप-मर्डर मामले पर भी सवाल किया गया तो उन्होंने इसे नजरंदाज करते हुए कहा कि वो दलित की हत्या के मामले से ध्यान भटकाने नहीं देंगे.
सवाल पर कांग्रेस नेता ने कहा, “कोलकाता के मामले को यहां उठाकर मुद्दे को भटकाना नहीं चाहता. मैंने उसको लेकर टिप्पणी की है लेकिन यहां पर इस मुद्दे से ध्यान भटकाना चाहता हूं तो अभी यही मामला उठाना चाहता हूं.”
राहुल गांधी ने मीडिया को भी लिया निशाने पर
इस दौरान उन्होंने मीडिया पर हमला करते हुए कहा, “मैं जानता हूं कि आप इस मामले को उठवाना नहीं चाहते हो और ध्यान भटकाना चाहते हो, क्योंकि आप दलितों की बात नहीं रखना चाहते और मैं यहां पर दलितों की बात रखने और उनकी रक्षा करने के लिए आया हूं. इसलिए डिस्ट्रेक्शन एलाउ नहीं करूंगा.”
लोकसभा में विपक्ष के नेता की इस प्रतिक्रिया पर भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) भी हमलावर हो गई. बीजेपी ने उनसे पूछा कि जिस मुद्दे को लेकर पूरे देश में गुस्से का माहौल बना हुआ है, सुप्रीम कोर्ट भी स्वतः संज्ञान ले रहा है तो क्या सुप्रीम कोर्ट भी ध्यान भटकाने का काम कर रहा है?