Acharya Pramod Krishnam: कांग्रेस से छह साल के लिए निष्काषित किए गए आचार्य प्रमोद कृष्णम का नाम इन दिनों हर किसी की जुबां पर है. इसकी वजह ये है कि हाल ही में प्रमोद कृष्णम के निमंत्रण पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उत्तर प्रदेश के संभल जिले में श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखी. आचार्य प्रमोद कृष्णम कल्कि धाम पीठाधीश्वर हैं. हालांकि, जिस तरह से प्रमोद कृष्णम के बुलावे पर पीएम मोदी आए, उसके कई सियासी मायने भी निकाले जा रहे हैं.
दरअसल, कहा जा रहा है कि कांग्रेस पार्टी पहले ही आचार्य प्रमोद कृष्णम को बाहर का रास्ता दिखा चुकी है. ऐसे में बीजेपी के साथ बढ़ रही उनकी नजदीकियां और फिर पीएम मोदी का श्री कल्कि धाम आना, ये दिखा रहा है कि आचार्य प्रमोद के लिए बीजेपी ने कुछ बड़ा प्लान किया हुआ है. इस बात की चर्चा हो रही है कि आचार्य प्रमोद को बीजेपी 2024 लोकसभा चुनाव में संभल सीट से टिकट दे सकती है. इस सीट से 2014 में आर्चाय प्रमोद ने कांग्रेस के टिकट पर चुनाव लड़ा था.
पीएम मोदी-सीएम योगी संग वायरल हुई तस्वीर
इस बीच एक तस्वीर भी खूब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है. इस तस्वीर में प्रधानमंत्री मोदी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और आचार्य प्रमोद कृष्णम को देखा जा सकता है. तस्वीर में पीएम मोदी आगे चल रहे हैं. इस तस्वीर को शेयर करते हुए एक यूजर ने आचार्य प्रमोद कृष्णम को बधाई दी, जिस पर उन्होंने भी तुरंत जवाब देते हुए शुक्रिया कहा. कहीं न कहीं ये तस्वीर भी उनके बीजेपी में जाने की पुष्टि के तौर पर देखी जा रही है.
आचार्य प्रमोद की पीएम संग बढ़ती नजदीकियां
आचार्य प्रमोद कृष्णम कांग्रेस पार्टी से तीन दशक से ज्यादा समय से जुड़े हुए थे. हालांकि, पिछले कुछ सालों से वह लगातार पार्टी के खिलाफ बयानबाजी कर रहे थे. कभी वह राहुल गांधी को निशाने पर लेते तो कभी किसी नेता को. इन बयानों से संकेत मिल रहे थे कि आचार्य प्रमोद किसी बात को लेकर कांग्रेस से खफा चल रहे हैं. उन्होंने अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा में शामिल होने से इनकार करने पर खुले तौर पर कांग्रेस नेतृत्व की आलोचना कर डाली थी.
यहां गौर करने वाली बात ये है कि जब एक फरवरी को आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी से मुलाकात कर उन्हें श्री कल्कि धाम मंदिर की आधारशिला रखने के लिए आमंत्रण दिया. उसके ठीक 10 दिन बाद यानी 10 फरवरी को कांग्रेस ने उन्हें पार्टी विरोधी बयानबाजी और अनुशासनहीनता को ध्यान में रखते हुए 6 साल के लिए पार्टी से निष्काषित कर दिया. उन्होंने पार्टी के फैसले पर कहा था, 'राम और राष्ट्र से समझौता नहीं किया जा सकता है.'
आचार्य प्रमोद कृष्णम पीएम मोदी की हमेशा ही तारीफ करते रहे हैं. कांग्रेस से निकाले जाने पर आचार्य प्रमोद ने कहा था कि वह पीएम मोदी का जीवनभर साथ निभाएंगे. कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि प्रधानमंत्री मोदी जैसा दूसरा आज तक नहीं हुआ है. न भूतो न भविष्यती. आचार्य प्रमोद ने कहा था कि अयोध्या में श्रीराम का मंदिर का निर्माण हुआ और अब संभल में कल्कि धाम का मंदिर बनने जा रहा है. पीएम मोदी सतयुग से कलयुग के सेतु बने हैं.
यूपी की संभल सीट पर बने दावेदार
कांग्रेस से निष्काषित किए जाने से पहले से ही उनके बीजेपी में जाने की चर्चाएं थीं. ऐसा लग रहा है कि जल्द ही आचार्य प्रमोद आधिकारिक रूप से बीजेपी में शामिल भी हो जाएंगे. बीजेपी उन्हें संभल सीट से टिकट दे सकती है. इस सीट पर पिछली बार हुए लोकसभा चुनाव में बीजेपी को हार मिली थी. सपा के डा. शफीकुर रहमान बर्क यहां से जीते थे. ऐसे में बीजेपी आचार्य प्रमोद को यहां खड़ा कर उन्हें जीतने का प्रयास करेगी.
संभल सीट का सियासी समीकरण क्या है?
यूपी की संभल लोकसभा सीट मुस्लिम बहुसंख्यक है. यहां पर मुस्लिमों की आबादी 70 फीसदी से ज्यादा है. कहा जाता है कि इसी वजह से यहां बीजेपी के लिए जीत हासिल करना मुश्किल हो जाता है. पिछले चुनाव में बीजेपी यहां दूसरे नंबर पर रही थी. संभल सीट पर जीत हासिल करने वाली समाजवादी पार्टी को कुल मिलाकर 55 फीसदी वोट मिले थे, जबकि बीजेपी के खाते में 41 फीसदी वोट आए थे.
सियासी साथ का किसे मिलेगा फायदा?
दरअसल, बीजेपी को पूरी उम्मीद है कि वह चुनाव जीत रही है. हालांकि, वह इस बात को भी ध्यान में रख रही है कि उसकी जीत काफी दमदार हो. ऐसे में वह आर्चाय प्रमोद को पार्टी में शामिल कर संभल से टिकट दे सकती है. यूपी में बीजेपी को सबसे ज्यादा सीटें जीतने की उम्मीद भी है. हालांकि, बीजेपी में जाने और चुनाव लड़ने का फायदा आचार्य प्रमोद को ही मिलने वाला है. अभी तक वह दो बार चुनाव लड़ चुके हैं और एक बार भी जीते नहीं हैं. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि अगर बीजेपी उन्हें लोकसभा का टिकट देती है, तो उनका संभल से जीतकर लोकसभा जाना तय हो सकता है.
आचार्य प्रमोद कौन हैं?
आचार्य प्रमोद कृष्णम संभल में स्थित कल्कि धाम पीठाधीश्वर हैं. उनका और कांग्रेस का साथ तीन दशक पुराना है, जो अब टूटने की कगार पर पहुंच चुका है. उन्हें प्रियंका गांधी का राजनीतिक गुरु भी माना जाता है. इसकी वजह ये है कि जब प्रियंका गांधी को यूपी की कमान सौंपी गई थी, तो उस वक्त वह उनके राजनीतिक सलाहकार थे. उन्होंने यूथ कांग्रेस में भी अपनी सेवाएं दी हैं. हालांकि, पिछले कुछ महीनों में वह कांग्रेस से खफा रहने लगे.
2024 में बंद होगी सबकी दुकानें, तेजस्वी पर आर्चाय प्रमोद का तंज
वहीं, इन दिनों बिहार में आरजेडी नेता और पूर्व डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव 'जन विश्वास यात्रा' निकाल रहे हैं. इस पर आचार्य प्रमोद कृष्णम ने कहा, 'किसी की दुकान में सौदा बचा नहीं है. 2024 में सबकी दुकान बंद हो जाएगी... आज देश राजवंशी नीति के खिलाफ खड़ा है, राजवंशीय राज को अपना नहीं रहा है. परिवारवाद कुछ दिनों तक चल सकता है. योग्यता और प्रतिभा के आधार पर भारतीय राजनीति में सम्मान मिलना चाहिए.'