Acharya Pramod Krishnam News: कांग्रेस की नेता प्रियंका गांधी के राजनीतिक सलाहकार रह चुके आचार्य प्रमोद कृष्णम ने उन्हें लेकर बड़ा बयान दिया है. आलोचना के जरिए कांग्रेस को आईना दिखाने वाले आचार्य प्रमोद से हाल ही में पूछा गया था कि क्या उन्हें प्रियंका गांधी ने नहीं रोका था? इस पर आचार्य प्रमोद बोले, "वह मुझे बचाने की कोशिश करतीं लेकिन अभी वो खुद को बचाने में जुटी हैं. जिस समय ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की जेनरल सेक्रेटरी लिस्ट जारी हुई तो देश की आजादी से लेकर आज तक पहली बार किसी जेनरल सेक्रेटर (प्रियंका गांधी) को कोई पोर्टफोलिया नहीं दिया गया."


हिंदी न्यूज चैनल 'टाइम्स नाउ नवभारत' से बातचीत में आचार्य प्रमोद कृष्णम बोले, "यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की विराटता है कि उन्होंने मुझसे कोई शर्त नहीं लगाई. मैंने उनसे कहा कि अयोध्या में भगवान राम के सारे काज आपके हाथों हुए हैं तो जहां भगवान का कल्की के रूप में अवतार होगा वहां भी सारे काम आपके हाथों हों."


पीएम मोदी को लेकर और क्या बोले आचार्य प्रमोद?


आचार्य प्रमोद कृष्णम ने पीएम मोदी को लेकर यह भी कहा, "उस समय पीएम मोदी ने मुझसे ये नहीं कहा कि आप कांग्रेस से हैं, कांग्रेस छोड़ दीजिए तो मैं आऊंगा. इस तरह की कोई शर्त मेरे सामने नहीं रखी गई लेकिन हमारे कुछ मित्रों ने शर्त लगाने का मौका ही नहीं दिया. जैसे ही पीएम मोदी ने हमारा निमंत्रण स्वीकार किया, उन्होंने मुझे प्रेम-पत्र (इस्तीफे के संदर्भ में) दे दिया."


'देश पीएम मोदी के साथ है'


उन्होंने कहा, "जब राम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा का समारोह आयोजित हुआ था तो मैंने कहा था कि राम का निमंत्रण आना सौभाग्य की बात है और राम के मंदिर के निमंत्रण को ठुकराना दुर्भाग्य की बात है. मुझे कांग्रेस से मुझे ठुकराया, लेकिन इस देश ने मुझे अपनाया. कल तक मैं कांग्रेस के साथ था, आज मैं देश के साथ हूं और देश पीएम मोदी के साथ है."


आचार्य प्रमोद कृष्णम ने इससे पहले कांग्रेस और गांधी परिवार को लेकर बयान दिया था. उन्होंने कहा था, "गांधी परिवार वो परिवार है, जिसने इस देश के लिए कई बलिदान दिए हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी जो महात्मा गाधी के रास्ते पर चलती थी, अब वो रास्ता छोड़ दिया. कांग्रेस पार्टी भगवान राम से भी विमूक हो गई. ऐसी पार्टी को कौन बचा सकता है. आज की जो कांग्रेस पार्टी है और महात्मा गांधी से लेकर पंडित जवाहर लाल नेहरू और राजीव गांधी के समय की जो कांग्रेस थी दोनों में बहुत अंतर है."


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