पंजाब कांग्रेस (Congress) के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ (Sunil Jakhar) और केरल के वरिष्ठ नेता केवी थॉमस को पार्टी के सभी पदों से हटा दिया गया है. कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने नरमी दिखाते हुए अनुशासन समिति की सिफारिश के बावजूद जाखड़ को पार्टी से निलंबित नहीं किया है. वहीं कांग्रेस ने मेघालय के पांच विधायकों को तीन सालों के लिए निलंबित किया है. इन विधायकों ने पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर प्रदेश सरकार का समर्थन करने का फैसला किया था.


पार्टी के वरिष्ठ नेता ए.के. एंटनी की अध्यक्षता वाली कांग्रेस अनुशासन समिति की मंगलवार को बैठक हुई, जिसमें इन नेताओं के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की गई थी. समिति ने अनुशंसा की है कि जाखड़ को पार्टी के सभी पदों से हटाया जाए और दो साल के लिए निलंबित किया जाए. वहीं थॉमस को सभी पदों से हटाने की सिफारिश की गई.


गौरतलब है कि कांग्रेस की अनुशासनात्मक कार्रवाई समिति ने पार्टी के दो वरिष्ठ नेताओं सुनील जाखड़ और के. वी. थॉमस को, अनुशासनहीनता के आरोपों को लेकर गत 11 अप्रैल को ‘कारण बताओ’ नोटिस जारी कर एक सप्ताह के भीतर जवाब मांगा था. थॉमस का जवाब मिला, लेकिन जाखड़ की तरफ से जवाब नहीं आया.


सुनील जाखड़ पर विधानसभा चुनाव के दौरान पार्टी को नुकसान पहुंचाने वाले बयान देने और पूर्व मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के खिलाफ ‘आपत्तिजनक टिप्पणी’ करने का आरोप है. 


दूसरी तरफ, केरल से ताल्लुक रखने वाले पूर्व सांसद थॉमस पिछले दिनों पार्टी के रुख के खिलाफ जाकर राज्य में सत्तारूढ़ माकपा की एक संगोष्ठी में शामिल हुए थे. केरल प्रदेश कांग्रेस कमेटी ने पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व से उनके खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की थी.


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