नई दिल्ली. अयोध्या में राम मंदिर के भूमि पूजन से पहले आल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड (AIMPLB‌) की ओर से किए गए विवादित ट्वीट पर कार्रवाई की मांग हो रही है. वकील विनय वत्स ने सीजेआई को लेटर पिटीशन भेजी है. उन्होंने इस याचिका में AIMPLB‌ पर जजों की निष्पक्षता और ईमानदारी पर सवाल उठाने का आरोप लगाया है. इस मामले में सुप्रीम कोर्ट से संज्ञान लेकर कार्रवाई की अपील की गई है.


क्या है मामला?
दरअसल, ये मामला राम मंदिर के भूमि पूजन से ठीक पहले का है. AIMPLB ने ट्वीट कर कहा था कि बाबरी मस्जिद थी और हमेशा के लिए एक मस्जिद रहेगी. हालांकि विवाद होने के बाद ट्वीट को डिलीट कर दिया गया था. AIMPLB ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'बाबरी मस्जिद थी और हमेशा एक मस्जिद रहेगी. हागिया सोफिया हमारे लिए एक बेहतरीन उदाहरण है. अन्यायपूर्ण, दमनकारी, शर्मनाक और बहुसंख्यक तुष्टिकरण के आधार पर भूमि का पुनर्निर्धारण निर्णय इसे बदल नहीं सकता है. दिल टूटने की जरूरत नहीं है. स्थिति हमेशा के लिए नहीं रहती है.'


AIMPLB सचिव ने दी सफाई
विवादित ट्वीट पर बोर्ड के सचिव व सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ अधिवक्ता जफरयाब जिलानी ने सफाई भी दी थी. उन्होंने कहा था कि ये ट्वीट महासचिव की मंजूरी के बिना किया गया था, इसीलिए इसे डिलीट कर दिया गया है. हम सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हैं.


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