लोकसभा में उठा स्मृति ईरानी के खिलाफ बदसलूकी का मामला, गृह मंत्री ने कहा- नियम 374 के तहत हो कार्रवाई
आपको बता दें कि पिछले शुक्रवार को सदन में एक चर्चा के दौरान स्मृति ईरानी जब अपनी बात रख रही थीं , उसी दौरान कांग्रेस के 2 सदस्य प्रतापन और डीन कोरियाकोस की तरफ से धमकाने के अंदाज और हमलावर मुद्रा अपनाने को लेकर बवाल हो गया था.
नई दिल्ली: प्रश्नकाल के बाद जब लोकसभा की कार्यवाही शुरू हुई तो संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने केंद्रीय महिला और बाल विकास मंत्री स्मृति ईरानी पर शुक्रवार को कांग्रेस के सदस्यों द्वारा हमलावर होने की मुद्रा अपनाने और संसदीय मर्यादा भंग करने की कार्रवाई की मांग की. प्रह्लाद जोशी ने धारा 376 के तहत लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला से कार्रवाई करने की मांग की. इसके लिए संसदीय कार्य मंत्री की तरफ से बाकायदा एक प्रस्ताव लाया गया.
आपको बता दें कि पिछले शुक्रवार को सदन में एक चर्चा के दौरान स्मृति ईरानी जब अपनी बात रख रही थीं , उसी दौरान कांग्रेस के 2 सदस्य प्रतापन और डीन कोरियाकोस की तरफ से धमकाने के अंदाज और हमलावर मुद्रा अपनाने को लेकर बवाल हो गया था. तब बीजेपी की ओर से इन दोनों सदस्यों से माफी मांगने की मांग की गई थी. आज भी संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी की तरफ से कहा गया कि कांग्रेस के ये 2 सदस्य या तो माफी मांगे या फिर लोकसभा अध्यक्ष उन पर कार्रवाई करें.
प्रस्ताव के समर्थन में बोलते हुए गृह मंत्री अमित शाह ने कहा कि "सभा को बाधित करने के किसी भी प्रकार के तरीके पर इस नियम का प्रयोग कर सकते हैं. जबकि एक महिला सदस्य के खिलाफ, महिला मंत्री के खिलाफ हाथ खड़े करके वे आगे नहीं आ सकते हैं. मैं मानता हूं कि संसदीय मर्यादा होती है. 374 के तहत कार्रवाई की जा सकती है".
इसके बाद लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि "भारत की संसद, देश की संसद दिशा दे, मैं आपका संरक्षक हूं. जो भी कोई विषय हुआ है मैं हमेशा अपेक्षा करूंगा कि कोई भी माननीय सदस्य ना तो बाहें चढ़ा कर आए, ना कोई ना तीखा बोले. राजनीति मर्यादा में रहकर होनी चाहिए. मर्यादा का ख्याल हम सब को रखना चाहिए. सदन की मर्यादा रहेगी, सभापति की मर्यादा रहेगी तो संसद की मर्यादा रहेगी. आपका जो विषय मेरे ध्यान में आया है मैं पुनः अपेक्षा करूंगा कि आप को न्यायपूर्ण निर्णय किया जाएगा''. माना जा रहा है कि कांग्रेस के 2 सदस्य प्रतापन और डीन कुरियाकोस पर स्मृति ईरानी को सदन के भीतर धमकाने के अंदाज और हमलावर होने की मुद्रा अपनाने के लिए सदन से बचे हुए सत्र के लिए बर्खास्त किया जा सकता है.
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