नई दिल्ली: अयोध्या मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले से पहले केंद्र सरकार, राज्य सरकारें कानून व्यवस्था के मद्देनजर तैयारियां कर रही हैं. यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बैठक की जिसमें यूपी सरकार की तैयारियों पर चर्चा की गई. आपको बता दें कि केंद्र ने अर्द्धसैनिक बलों के करीब 4,000 जवानों को उत्तर प्रदेश भेजा है. साथ ही रेलवे पुलिस ने अपने कर्मियों की छुट्टियां रद्द कर दी हैं और 78 बड़े स्टेशनों तथा ट्रेनों में चौकसी बढ़ा दी है.





गृह मंत्रालय के एक अधिकारी ने बताया कि सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों को एक आम परामर्श जारी किया गया है, जिसमें उन्हें सभी संवेदनशील इलाकों में पर्याप्त संख्या में सुरक्षा बलों को तैनात करने को कहा गया है. इसमें कहा गया है कि नेता लोगों से भड़काऊ टिप्पणी नहीं करने या अफवाह नहीं फैलाने की एक बार फिर से अपील करें. सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी मंत्रिपरिषद के साथ अयोध्या मुद्दे पर चर्चा की थी. उन्होंने अपने मंत्रियों से इस विषय पर अनावश्यक बयान देने से बचने और देश में सौहार्द कायम रखने को कहा था.


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17 नवंबर से पहले आएगा फैसला


दरअसल, राम जन्म भूमि-बाबरी मस्जिद विवाद मामले में प्रधान न्यायाधीश (सीजेआई) रंजन गोगोई के 17 नवंबर को सेवानिवृत्त होने से पहले शीर्ष न्यायालय के अपना फैसला सुनाने की संभावना है. न्यायमूर्ति गोगोई उस पांच सदस्यीय संविधान पीठ की अध्यक्षता कर रहे हैं, जिसने कई हफ्तों तक मामले की सुनवाई की.


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मुंबई पुलिस आयुक्त ने शांति बनाए रखने की अपील की


मुंबई शहर के पुलिस आयुक्त संजय बार्वे ने मुंबईवासियों से अयोध्या मामले में फैसला आने के बाद यहां शांति और सांप्रदायिक सौहार्द बनाए रखने की अपील की. बार्वे ने दक्षिण मुंबई में हज हाउस में एकत्र हुए मुस्लिम समुदाय के लोगों से कहा, "हमें अपने शहर का ख्याल रखना चाहिये." गौरतलब है कि दिसंबर 1992 में अयोध्या में बाबरी मस्जिद का विवादित ढांचा ढहाये जाने के बाद मुंबई दंगों का गवाह बना था.


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सुशील मोदी ने बिहार की जनता से शांति बरतने की अपील की


अयोध्या मामले पर सुप्रीम कोर्ट का अंतिम निर्णय आने से पहले, बिहार के उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने लोगों से शांति और धैर्य की अपील करते हुए फैसले को जीत या हार के रूप में न देखने का अनुरोध किया. भाजपा के वरिष्ठ नेता ने बयान में राज्य की जनता से सुप्रीम कोर्ट का "जो भी फैसला हो" उसे धैर्य तथा शांति के साथ स्वीकार करने का अनुरोध किया. मोदी ने कहा, "जो भी फैसला आए, कोई भी पक्ष इसे जीत या हार की तरह न देखे. इसे जश्न मनाने या निराशा के मौके के तौर पर न देखा जाए."


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बेंगलुरु में पुलिस ने किए एहतियाती उपाय


न्यायालय का निर्णय आने से पहले शहर में किसी भी अप्रिय घटना को रोकने के लिए एहतियाती उपाय किए जा रहे हैं. बेंगलुरु पुलिस आयुक्त भास्कर राव ने बताया कि अर्धसैनिक बल और त्वरित कार्यवाही बल को भी सुरक्षा के लिए तैनात किया जाएगा. उन्होंने कहा, “सभी एहतियाती उपाय किए जा चुके हैं. सभी अधिकारी उपलब्ध होंगे. अर्धसैनिक बलों और त्वरित कार्यवाही बल की तैनाती भी की जाएगी.” उन्होंने कहा कि सद्भावना का संदेश देने के लिए अल्पसंख्यक और बहुसंख्यक दोनों समुदाय के लोगों से बातचीत की गयी है.