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Maratha Reservation: मनोज जरांगे की डेडलाइन ने बढ़ा दी महाराष्ट्र सरकार की टेंशन, बोले- 'ये आखिरी मौका है'
Maratha Reservation: संभुराज देसाई ने कहा कि जल्दबाजी में किया हुआ कोई काम सही नहीं होता है. अगर इस मामले में जल्दबाजी की गई तो यह अपने पांव पर पत्थर मारने जैसा होगा.
Maratha Reservation: मराठा आरक्षण के मुद्दे पर मनोज जरांगे पाटिल एक बार फिर आक्रामक नजर आ रहे हैं. पिछले महीने आरक्षण को लेकर पाटिल ने महाराष्ट्र सरकार को जो अल्टीमेटम दिया था वो एक बार फिर फेल हो गया है. ऐसे में तमाम कोशिशों के बाद भी मनोज जरांगे पाटिल और सरकार के बीच मे बात नही बन पाई. जिसके बाद अब जरांगे ने कहा है कि वो 20 जुलाई से एक बार फिर अनिश्चितकालीन अनशन पर बैठेंगे और आरक्षण को लेकर अपने अगले कदम की घोषणा करेंगे.
मराठा आरक्षण के सूत्रधार मनोज जरांगे पाटिल यही नहीं रुके. उन्होंने सरकार पर हमला करते कहा कि हम लोग आना चाहते हैं. जरांगे ने कहा कि वे सरकार के 288 उम्मीदवारों को हराना भी नहीं चाहते लेकिन ये सरकार के लिए आखिरी मौका है. इसके साथ-साथ जरांगे ने चेतावनी भी दी कि अगर मराठवाड़ा के मराठा बाहर आते हैं तो मुंबई के निवासियों को शहर छोड़ना पड़ सकता है. सूबे में मराठवाड़ा ही वो क्षेत्र है जहां राज्य सरकार को मराठा आरक्षण के मुद्दे के चलते सबसे ज्यादा नुकसान उठाना पड़ा था.
मनोज जरांगे पाटिल की आखिर वो कौन सी मांगे हैं?
दरअसल, मनोज जरांगे पाटिल की मांग है कि सभी मराठाओं को कुनबी समाज का सर्टिफिकेट देकर ओबीसी कोटा से आरक्षण दिया जाए. हालांकि, अभी तक करीब 57 लाख मराठाओं का कुनबी रिकार्ड मिला है, जिनकों कुनबी जाति प्रमाण पत्र दिया जा रहा है, वो ओबीसी कोटे से आरक्षण के अधिकार है. इसके अलावा जरांगे पाटिल की ये भी मांग है कि जिन लोगों का अभी तक कुनबी रिकॉर्ड मिला है, उनके सभी सगे संबंधियों को भी ओबीसी कोटा के तहत आरक्षण दिया जाए. इतना ही नहीं जिनके पास कुनबी जाति प्रमाण पत्र नही मिला है उनको अलग से 10 प्रतिशत मराठा आरक्षण दिया जाएगा.
कोर्ट में किसी तरह टिकाए रखना है मराठा आरक्षण को - शंभुराज देसाई
आरक्षण के मुद्दे पर राज्य सरकार के मंत्री शंभुराज देसाई का कहना है कि मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने आरक्षण को लेकर जो वचन मनोज जरांगे पाटिल को दिया था. उसे पूरा किया. ऐसे में जो 10 प्रतिशत आरक्षण हमने मराठाओं को दिया है. उसे कोर्ट में किस प्रकार से टिकाए रखना है. इस पर हम काम कर रहे है.
हम आरक्षण के विरोध में नहीं- शंभुराज देसाई
संभुराज देसाई ने आगे कहा कि जल्दबाजी में किया हुआ कोई काम सही नहीं होता है. अगर इस मामले में जल्दबाजी की गई तो यह अपने पांव पर पत्थर मारने जैसा होगा. उन्होंने कहा कि मनोज जरंगे पाटिल से मैं ये कहना चाहता हूं कि वो आरक्षण को लेकर किसी भी प्रकार का भ्रम न पालें. हम आरक्षण के विरोध में नही है. सरकार मराठाओं को आरक्षण देने के हित में है.
मराठा आरक्षण के मुद्दा पर विपक्ष क्या बोला?
शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि मनोज जरांगे पाटिल मराठा आरक्षण के लिए बीते एक साल से अनशन कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनकी आरक्षण को लेकर मांग जायज है. मगर, केंद्र की बीजेपी सरकार और राज्य की महायुति सरकार जरांगे को गंभीरता से नहीं ले रही है.
प्रवक्ता आनंद दुबे ने कहा कि महाराष्ट्र में अगले 3 से 4 महीने में सरकार बदलने वाली है. उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार बनेगी तो मनोज जरांगे पाटिल के सभी मांगों को सुना जाएगा और उसे पूरा किया जाएगा.
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प्रशांत कुमार मिश्र, राजनीतिक विश्लेषक
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