नई दिल्ली: नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के दौरान एक्टिविस्ट तपन बोस ने सेना को अपमानित करने वाला बयान दिया जिसे लेकर विवाद पैदा हो गया है. उन्होंने कहा कि भारतीय सेना पाकिस्तानी सेना की तरह अपने लोगों को मारती है. जिसके बाद सेना की तरफ से तपन बोस को करारा जवाब दिया गया है. भारत की सेना देश के लिए काम करती है, किसी से भेदभाव नहीं करती.


सेना ने अपने विस्तृत बयान में कहा, भारतीय सेना भारत के विचार को मजबूत करती है और राष्ट्रीय मूल्यों पर जीती है. सेना राष्ट्रीय हितों की रक्षा, संप्रभुता की रक्षा, क्षेत्रीय अखंडता और हमारे राष्ट्र की एकता के लिए समर्पित है.






सेना ने कहा कि हम संविधान के आदर्शों को बनाए रखते हैं, छद्म युद्धों का जवाब देते हैं, देश के भीतर के खतरों को हराते हैं. और अपनी सरकार व भारत के लोगों के साथ मिलकर काम करते हैं और हमारे सारे कदम देश को समर्पित होते हैं. सेना जाति, धर्म और पंथ के आधार पर भेदभाव नहीं करती है.






एक्टिविस्ट तपन बोस ने क्या कहा?


सीएए के विरोध में जंतर-मंतर पर प्रदर्शन के दौरान एक्टिविस्ट तपन बोस ने कहा कि शासक वर्ग चाहे भारत का हो या पाकिस्तान का, एक जैसा है. हमारी सेना भी पाकिस्तानी सेना जैसी है. पड़ोसी देश के साथ अमन कायम करने के लिए जो काम करते हैं वे देशभक्त हैं, देशद्रोही नहीं हैं. इनके (सरकार) खिलाफ हम कुछ कहते हैं तो कहते हैं वे पाकिस्तानी हैं. पाकिस्तान दुश्मन देश नहीं है.पाकिस्तान में लोग आपसे बहुत प्यार से बात करते हैं और सुलह की बात करते हैं।


भारतीय सेना पर आरोप लगाते हुए तपन बोस ने कहा कि पाकिस्तान सेना और भारतीय सेना एक जैसे हैं. वह अपने लोगों को मारते हैं. ये अपने लोगों को मारते हैं.


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