पुणे जिला परिषद के कार्यकर्ताओं ने कोरोना महामारी के चलते ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने के लिए अपनी एक दिन की सैलरी का योगदान दिया है. देश में सबसे ज्यादा कोरोना केस महाराष्ट्र में हैं. इस वजह से गांव में रहने वाले लोगों की मदद करने का जिम्मा पुणे जिला परिषद के कार्यकर्ताओं ने उठाया है. पुणे जिला परिषद के सीईओ आयुष प्रसाद बताया कि कोविड मरीजों की सेवा करने वाले सभी डॉक्टरों को ये रुपए प्रोत्साहन के रूप में दिए जाएंगे. वहीं एक अधिकारी के मुताबिक पुणे जिला परिषद के कर्मचारियों ने कोविड महामारी के बीच जिले के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने में मदद करने के लिए 1.27 करोड़ रुपए जुटाए हैं. ये रुपए कार्यकर्ताओं की एक दिन की सैलरी का योगदान माना जा रहा है.


130 डॉक्टरों की होगी नियुक्ति           


पुणे जिला परिषद के सीईओ आयुष प्रसाद ने एक इंटरव्यू में बताया कि महाराष्ट्र में जिला परिषद के सभी फ्रंटलाइन कर्मचारियों ने गांव में रहने वालों के बेहतर स्वास्थ्य के लिए अपनी एक दिन की सैलरी दान के रूप में दी है. वहीं ग्रामीण इलाकों में 130 डॉक्टरों को नियुक्त करने के लिए विभिन्न राज्यों के समाचार पत्रों में विज्ञापन प्रकाशित किए गए हैं, जिससे अच्छे से अच्छा डॉक्टर मरीजों का इलाज कर सके.


ग्रामीण इलाकों के लोगों को मिले बेहतर इलाज


आयुष प्रसाद ने कहा कि उनका उद्देश्य है कि कोविड के खिलाफ लड़ाई में सबसे अच्छे डॉक्टर की टीम शामिल हों और पुणे के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले लोगों के जीवन को बचाए. वहीं पहले आयुष ने बताया था कि सामूहिक परीक्षण के लिए पुणे के ग्रामीण इलाकों में 35,000 एंटीजन किट दिए जाएंगे.


इसे भी पढ़ेंः


Horoscope Today 20 April 2021: इन 4 राशियों का धन और सेहत के मामले में रखना होगा ध्यान, सभी राशियों का जानें आज का राशिफल


Delhi में पहले दिन Lockdown का सख्ती से पालन । Mumbai में कर्फ्यू के बावजूद लोग निकल रहे बाहर