कर्नाटक हाईकोर्ट ने बुधवार (31 जुलाई, 2024) को कन्नड़ एक्टर दर्शन थुगुदीपा की याचिका पर सुनवाई करते हुए कहा कि सभी कैदियों को पौष्टिक आहार मिलना चाहिए. दर्शन ने मेडिकल दिक्कतों का हवाला देते हुए जेल में उन्हें घर का खाना दिए जाने की मांग की थी. इस पर कोर्ट ने कहा कि किसी भी कैदी की उसके सामाजिक या फाइनेंशियल स्टेटस के आधार पर भेदभाव नहीं करना चाहिए और सभी पौष्टिक आहार पाने के हकदार हैं.


रेणुकास्वामी हत्या मामले में कन्नड़ अभिनेता दर्शन थुगुदीपा जेल में बंद हैं. उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दाखिल कर पौष्टिक आहार की मांग की थी, जिस पर जस्टिस एम. नागप्रसन्ना ने सुनवाई की. थुगुदीपा की ओर से सीनियर एडवोकेट प्रभुलिंग के. नवदगी कोर्ट में पेश हुए. उन्होंने कहा कि अभिनेता दर्शन को चिकित्सा प्रमाणपत्र के अनुसार पौष्टिक भोजन प्रदान करने की आवश्यकता है.


जस्टिस नागप्रसन्ना ने कहा, 'अगर उन्हें स्वास्थ्य संबंधी समस्याओं के कारण विशेष आहार की आवश्यकता है, तो डॉक्टर वह उन्हें देंगे. यह केवल दर्शन के लिए नहीं है. हर नागरिक या विचाराधीन कैदी को पौष्टिक भोजन का अधिकार है. किसी की स्थिति के आधार पर भेदभाव नहीं किया जा सकता.' हाईकोर्ट ने कहा कि सामाजिक या वित्तीय स्थिति के आधार पर बिना किसी भेदभाव के सभी नागरिक और विचाराधीन कैदी पौष्टिक आहार पाने के हकदार हैं.


 


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