Chrisann Pereira Released: 'बाटला हाउस' और 'सड़क 2' जैसी फिल्मों में नजर आईं अभिनेत्री क्रिसन परेरा को बीती रात ड्रग्स मामले में संयुक्त अरब अमीरात (UAE) की शारजाह जेल से रिहा किया गया. जिसके बाद वह गुरुवार (3 अगस्त) को मुंबई पहुंच गईं.


परेरा को गुरुवार (3 अगस्त) को मुंबई पुलिस कमिश्नर विवेक फनसालकर से मुलाकात करनी थी. आपको बता दें की परेरा को फर्जी ड्रग्स केस में उनके जानने वाले ने पुराने झगड़े का बदला लेने के लिए फंसाया था. जिसके बाद मुंबई क्राइम ब्रांच ने इस पूरे मामले की जांच की और उन्हें बेगुनाह साबित किया, जिसके बाद उन्हें शारजाह जेल से रिहा किया गया.


ऑडिशन देने के लिए आरोपी से थीं संपर्क में 
क्रिसन परेरा ने एबीपी न्यूज़ को बताया कि ऑडिशन देने के लिए वह आरोपी एंथोनी और रवि से संपर्क में थी, इसी वजह से शारजाह गई थीं. हालांकि, मुंबई में आरोपियों ने उन्हें ट्रॉफी दी थी, जिसमें ड्रग्स प्लांट की गई थी. शारजाह एयरपोर्ट में उन्हें बताया गया था के एक टैक्सी उन्हे लेने आएगी, उनके लिए होटल बुक किया गया था, लेकिन ऐसा कुछ नही था. अचानक से रवि और एंथोनी से हुई WhatsApp चैट भी डिलीट हो गई थी. वह काफी डर गई थीं, इसी कारण से उन्होंने निर्णय लिया कि वह पुलिस की मदद लेंगी, लेकिन जब पुलिस ने उनके बैग चेक किए तो ट्रॉफी में ड्रग्स छिपी थी. उसमें एक नोट भी लिखा हुआ था, "the joke will be on you".


27 दिन तक क्रिसन परेरा रहीं जेल में
परेरा ने बताया कि इसके बाद उन्हें शारजाह जेल में ले जाया गया. वहां 27 दिन वह रहीं. जेल काफी साफ थी, सुविधाएं भी कई उपलब्ध थी, जैसे कि डॉक्टर हर रोज आता था, नर्स आती थी, टीवी होती थी, कई कैदियों से दोस्ती हो गई थी. 17 दिनों बाद माता-पिता से बात हुई थी. बात करने के लिए भी 25 दिरहम का रिचार्ज करना होता था. उन्होंने कहा, ''मुंबई पुलिस ने जल्द कदम उठाए और मुझे वहां से निकाला जिसकी में शुक्रगुजार हूं. मुंबई पुलिस ने जल्द मुझे इंसाफ दिलाया, जिस कारण से आज मैं यहां हूं. मानसिक स्वास्थ्य पर काफी असर पड़ने से थेरेपी फिलहाल शुरू हैं.'' 


ट्रॉफी में प्लांटेड थी ड्रग्स
डीसीपी राजतिलक रोशन टीटी ने बताया कि तीन लोगों की टीम थी, जिसने क्रिसन परेरा को ट्रॉफी दी थी, उस ट्रॉफी में ड्रग प्लांटेड थी जब शारजाह पहुंचीं और फिर फर्जी ड्रग केस में फंस गईं. हमने तीनों आरोपियों को तुरंत अरेस्ट किया और फिर चार्जशीट बनाई. यह एक गिरोह है, इन्होंने इसके पहले 4 लोगों के साथ यह फर्जी मामला किया था. फंसाने के बाद एक्सटोर्शन करते थे, पैसे मांगने का काम करते थे. इनका बिजनेस झूठा था. विक्टिम प्रोफेशनल आर्टिस्ट हैं, लेकिन आरोपी फर्जी हैं. टिकट भी फर्जी थी. सब कुछ फर्जी था. सीपी, डीसीपी, एडिशनल एसपी, ज्वाइंट सीपी, सबने मेहनत की क्योंकि बिना वजह कोई किसी गुनाह में फंसा हुआ था. 


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