Adani Group Row: अडानी ग्रुप को लेकर शुक्रवार (3 फरवरी) को दिनभर हलचल रही. अडानी ग्रुप के खिलाफ लगे धोखाधड़ी के आरोपों पर चर्चा की मांग को लेकर जहां संसद (Parliament) के दोनों सदनों में खूब हंगामा हुआ तो सरकार की ओर से भी बयान दिया गया. इस बीच रिजर्व बैंक (RBI) ने बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर रहने की बात कही. जानिए मामले से जुड़ी बड़ी बातें. 


1. कांग्रेस और 15 अन्य विपक्षी दलों ने शुक्रवार को इस बात पर जोर दिया कि वे अडानी समूह के खिलाफ ‘हिंडनबर्ग रिसर्च’ की ओर से लगाए गए आरोपों से जुड़े मामले पर चर्चा और जांच की मांग संसद के दोनों सदनों में उठाते रहेंगे. राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के संसद भवन स्थित कक्ष में 16 दलों की बैठक में कांग्रेस, द्रमुक, आम आदमी पार्टी, भारत राष्ट्र समिति, समाजवादी पार्टी, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी, जनता दल (यूनाइटेड) और कई अन्य दलों के नेता शामिल हुए.


2.  राज्यसभा और लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही विपक्ष ने हंगामा शुरू कर दिया था. अडानी ग्रुप पर लगे धोखाधड़ी के आरोप पर चर्चा और संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग करते हुए विपक्षी सदस्यों ने नारे भी लगाए. स्पीकर ने सदस्यों से प्रदर्शन बंद करने की अपील की, लेकिन विपक्ष ने विरोध और नारेबाजी जारी रखी. हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही 6 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी. 


3. कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने कहा कि हम चाहते हैं कि जो स्टॉक मार्केट गिर रहे हैं उसपर चर्चा हो, जनता का पैसा एलआईसी और अन्य सरकारी संस्थानों में है. वहीं केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद जोशी ने सदन में हंगामे के बाद कहा कि सरकार का उससे (अडानी स्टॉक क्रैश) कोई लेना देना नहीं है. विपक्ष के पास कोई और मुद्दा नहीं है. 


4. अडानी समूह को बैंकों के कर्ज को लेकर चिंता के बीच भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने कहा कि भारत का बैंकिंग क्षेत्र मजबूत और स्थिर है. केंद्रीय बैंक ने साथ ही यह भी कहा कि वह ऋणदाताओं पर लगातार नजर बनाए हुए है. हालांकि, आरबीआई ने अडानी समूह का नाम नहीं लिया. आरबीआई ने कहा कि वर्तमान मूल्यांकन के अनुसार ‘‘बैंकिंग क्षेत्र जुझारू और स्थिर बना हुआ है. पूंजी पर्याप्तता, संपत्ति की गुणवत्ता, नकदी, प्रावधान प्रसार और लाभप्रदता से संबंधित विभिन्न मानदंड अच्छी स्थिति में हैं.’’


5. अमेरिकी वित्तीय शोध कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने उद्योगपति गौतम अडानी की अगुवाई वाले समूह पर ‘खुले तौर पर शेयरों में गड़बड़ी और लेखा धोखाधड़ी’ में शामिल होने का आरोप लगाया गया है. कंपनी के इस आरोप के बाद समूह की कंपनियों के शेयरों में लगातार गिरावट आ रही है. अडानी ग्रुप ने आरोपों को निराधार बताया है, लेकिन लगभग एक सप्ताह में अडानी समूह की सूचीबद्ध कंपनियों का मूल्य 100 अरब डॉलर से भी ज्यादा घट गया है.


6. मूडीज इन्वेस्टर्स सर्विस ने शुक्रवार को आगाह किया कि अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में भारी गिरावट की वजह से पूंजी जुटाने की समूह की क्षमता प्रभावित हो सकती है. मूडीज ने बयान में कहा कि शॉर्ट सेलर कंपनी की रिपोर्ट जारी होने के बाद अडानी समूह की कंपनियों के शेयर मूल्य में आई बड़ी और तेज गिरावट के मद्देनजर, तात्कालिक रूप से हमारा ध्यान रेटिंग में शामिल समूह की कंपनियों के पास नकदी की स्थिति समेत उनकी कुल वित्तीय मजबूती या जुझारू क्षमता का आंकलन करने पर है. इसी बीच अमेरिकी रेटिंग एजेंसी एसएंडपी ग्लोबल रेटिंग्स ने अडानी पोर्ट्स और अडानी इलेक्ट्रिसटी की साख को बरकरार रखते हुए दोनों कंपनियों के परिदृश्य को स्थिर से नकारात्मक कर दिया.


7. दूसरी ओर फिच रेटिंग्स ने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों और उनकी प्रतिभूतियों की रेटिंग पर तत्काल कोई प्रभाव नहीं पड़ेगा. रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अभी समूह के नकदी प्रवाह के अनुमान में भी किसी तरह के बड़े बदलाव की उम्मीद नहीं है. फिच ने आगे कहा कि हमारी निगरानी जारी है और हम कंपनियों की वित्त तक पहुंच या दीर्घावधि के कर्ज की लागत संबंधी किसी भी बड़े बदलाव पर करीब से नजर रख रहे हैं.


8. अडानी एंटरप्राइजेज और अडानी पोर्ट्स समेत समूह की चार कंपनियों के शेयर शुक्रवार को तेजी के साथ बंद हुए. इससे पहले पिछले छह दिनों से अडानी समूह की कंपनियों के शेयरों में तेज गिरावट हुई थी. अडानी एंटरप्राइजेज का शेयर बीएसई पर 1.25 प्रतिशत की बढ़त के साथ 1,584.20 रुपये प्रति शेयर के भाव पर बंद हुआ. अडानी पोर्ट्स का शेयर वापसी करते हुए 7.98 फीसदी बढ़कर 498.85 रुपये प्रति शेयर के भाव पर पहुंच गया. अंबुजा सीमेंट ने 6.03 प्रतिशत और एसीसी ने 4.39 प्रतिशत की तेजी दर्ज की. हालांकि, अडानी ट्रांसमिशन में 10 फीसदी, अडानी ग्रीन एनर्जी में 10 फीसदी, अडानी पावर में पांच फीसदी, अडानी टोटल गैस में पांच फीसदी, अडानी विल्मर में 4.99 फीसदी और एनडीटीवी में 4.98 फीसदी की गिरावट हुई.


9. देश के सबसे बड़े बैंक, भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों को उसने करीब 27,000 करोड़ रुपये का कर्ज दिया हुआ है जो कुल वितरित ऋणों का सिर्फ 0.88 प्रतिशत है. एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि बैंक ने इस समूह को कोई भी कर्ज शेयरों के एवज में नहीं दिया है. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इस समूह का बकाया कर्ज चुकाने का रिकॉर्ड बहुत अच्छा रहा है.


10. दो वैश्विक रेटिंग फर्मों ने समूह की कंपनियों की रेटिंग को बरकरार रखा और उसके फ्रांसीसी साझेदार ने समूह की कंपनियों में अपने निवेश को सही ठहराया. अडानी समूह (Adani Group) की दो कंपनियों में हिस्सा रखने वाली फ्रांस की दिग्गज ऊर्जा कंपनी टोटलएनर्जीज ने कहा कि समूह के शेयरों में भारी गिरावट के बीच उसने अपनी हिस्सेदारी को लेकर कोई पुनर्मूल्यांकन नहीं किया है. टोटलएनर्जीज ने कहा कि अडानी समूह की कंपनियों में उसने अपना निवेश भारतीय कानूनों का पूरी तरह पालन करते हुए और अपनी आंतरिक संचालन प्रक्रिया के आधार पर किया था. 


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