Adani Hindenburg Case: अडानी-हिंडनबर्ग मामले में गठित एक्सपर्ट कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी है. 173 पन्नों की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सेबी की तरफ से अब तक की गई जांच में अडानी ग्रुप की कोई कमी नहीं पाई गई है. इसके विपरीत यह देखा गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले कुछ संस्थाओं ने शॉर्ट पोजिशन ली और अडानी के शेयर गिरने से मुनाफा कमाया.


सुप्रीम कोर्ट ने अपने पूर्व जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे की अध्यक्षता में गठित कमिटी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट से शेयर बाजार पर पड़े असर की समीक्षा के लिए कहा था. साथ ही शेयर बाजार के कामकाज को बेहतर बनाने पर सुझाव देने को भी कहा था. कमिटी ने बताया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट से शेयर बाजार पर विशेष असर नहीं पड़ा. शुरू में अडानी के शेयर पर असर पड़ा, पर बाद में सुधार आ गया. अडानी ग्रुप ने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए तुरंत कई कदम उठाए, जिनका असर पड़ा.


जांच अभी जारी
कमिटी ने यह भी बताया है कि सेबी की तरफ से की जा रही जांच अभी जारी है. उसने और समय मांगा है. अभी तक की जांच में सेबी को अडानी ग्रुप के खिलाफ केस बनता है नज़र नहीं आ रहा है. हालांकि, अडानी से जुड़ी 13 विदेशी संस्थाओं पर पूरी रिपोर्ट मिलनी बाकी है. 2018 में नियमों में हुए बदलाव से विदेशों से जानकारी जुटाने में सेबी को समस्या आ रही है.


जांच में अडानी की कोई कमी नहीं
रिपोर्ट में अब तक की जांच के हिसाब से अडानी की कोई कमी नहीं मानी गई है. कमेटी ने बताया है कि सेबी को अपने आंतरिक सिस्टम से अदानी पर 4 रिपोर्ट मिली. इनमें 2 हिंडनबर्ग से पहले और 2 बाद की थीं. इस बारे में को गई जांच में सेबी ने अडानी की तरफ से कोई गड़बड़ी नहीं पाई. ग्रुप की तरफ से कोई भी जानकारी छुपाई नहीं गई थी. यह भी नहीं पाया गया कि शेयर की कीमतों को बढ़ाने के लिए कृत्रिम ट्रेडिंग या किसी और गलत तरीके का सहारा लिया था.


बाद में मुनाफा कमाया
एक्सपर्ट कमिटी ने शॉर्ट सेलिंग के जरिए मुनाफाखोरी की भी बात कही है. रिपोर्ट में बताया गया है कि कुछ संस्थाओं ने पूरी स्थिति से फायदा कमाया. उन्होंने हिंडनबर्ग रिपोर्ट आने से पहले शॉर्ट पोजिशन ली और बाद में मुनाफा कमाया. 


रिपोर्ट के मुताबिक शेयर बाजार की जो मौजूदा नियामक व्यवस्था है, उसकी कोई भी विफलता नहीं पाई गई है. हालांकि, कमिटी ने कहा है सेबी के पास काफी शक्तियां है. पर उसे और बेहतर बनाया जा सकता है.


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