(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Adani-Hindenburg Case: हिंडनबर्ग-अडानी मामले पर SC में सुनवाई, केंद्र कमेटी बनाने पर राजी, राहुल गांधी ने पीएम मोदी को घेरा | 10 बड़ी बातें
Adani Row: अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. इस दौरान केंद्र सरकार ने कहा कि विशेषज्ञों की समिति गठित करने वाले प्रस्ताव को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है.
Adani Hindenburg Research Case: हिंडनबर्ग रिसर्च-अडानी मामले को लेकर सोमवार (13 फरवरी) को काफी हलचल रही. एक तरफ जहां हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी समूह के शेयरों में गिरावट के मामले पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में सुनवाई हुई तो दूसरी ओर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) ने इस मुद्दे को लेकर फिर पीएम मोदी (PM Modi) पर निशाना साधा. जानिए इस मामले से जुड़ी 10 बड़ी बातें.
1. केंद्र सरकार ने सोमवार को सुप्रीम कोर्ट को बताया कि शेयर बाजार के लिए नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विशेषज्ञों की समिति गठित करने के प्रस्ताव को लेकर उसे कोई आपत्ति नहीं है. कोर्ट हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद अडानी ग्रुप के शेयरों में गिरावट के मामले की सुनवाई कर रहा था.
2. केंद्र सरकार ने हालांकि मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि व्यापक हित को देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे में समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और उसके कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है. बता दें कि, अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च ने अडानी ग्रुप को लेकर एक रिपोर्ट जारी करते हुए दावा किया था कि ये ग्रुप शेयरों के हेरफेर और धोखाधड़ी में शामिल रहा है. हालांकि अडानी समूह ने इस दावे को खारिज किया है.
3. केंद्र सरकार और सेबी की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि बाजार नियामक और अन्य वैधानिक इकाइयां हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट आने के बाद उपजी परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयार हैं. उन्होंने कहा कि सरकार को समिति बनाने में कोई आपत्ति नहीं है, लेकिन विशेषज्ञों के नामों का सुझाव हम दे सकते हैं. हम सीलबंद लिफाफे में नाम सुझा सकते हैं.
4. मेहता ने आशंका जताई कि पैनल की स्थापना पर किसी भी अनजाने संदेश का धन प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. कोर्ट ने निवेशकों को नुकसान पहुंचाने और अडानी समूह के शेयरों को कृत्रिम तरीके से गिराने संबंधी दो जनहित याचिकाओं (पीआईएल) की शुक्रवार सुनवाई के लिए सूचीबद्ध कर दिया है. कोर्ट ने अडानी समूह के शेयर बाजारों में गिरावट की पृष्ठभूमि में 10 फरवरी को कहा था कि भारतीय निवेशकों के हितों की रक्षा की जरूरत है. कोर्ट ने केंद्र सरकार से पूर्व न्यायाधीश की अध्यक्षता में एक विशेषज्ञ समिति गठित कर नियामकीय तंत्र को मजबूत करने के लिए विचार करने के लिए कहा था.
5. अडानी के मामले को लेकर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सोमवार को एक बार फिर पीएम मोदी पर हमला बोला. वायनाड में एक जनसभा को संबोधित करते हुए राहुल गांधी ने कहा कि उन्हें (प्रधानमंत्री को) लगता है कि वह बहुत शक्तिशाली हैं, लेकिन उन्हें इसका एहसास नहीं है कि नरेंद्र मोदी वह आखिरी चीज होंगे, जिनसे मैं डरूंगा.
6. अडानी समूह की कंपनियों पर अमेरिकी शोध फर्म हिंडनबर्ग की रिपोर्ट से जुड़े विषयों को उठाते हुए संसद में हाल में दिये अपने बयान को याद करते हुए राहुल ने कहा कि उन्होंने जो कुछ कहा था, उस बारे में उनसे सबूत देने को कहा गया. मैंने संसद की कार्यवाही से हटाई गई मेरी प्रत्येक टिप्पणी के बारे में स्पीकर (लोकसभा अध्यक्ष) को लिखे पत्र में जानकारी दी है और सबूत दिये हैं.
7. कांग्रेस ने अडानी समूह के खिलाफ हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट पर सुप्रीम कोर्ट में सरकार के पक्ष को लेकर सवाल किया कि अगर सरकार को जांच समिति को लेकर कोई आपत्ति नहीं है, तो फिर उसने संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) गठित करने से इनकार क्यों किया. पार्टी महासचिव जयराम रमेश ने कटाक्ष करते हुए यह भी पूछा कि प्रस्तावित समिति हिंडनबर्ग की जांच करेगी या अडानी की?
8. जयराम रमेश ने ट्वीट किया कि आज सुप्रीम कोर्ट में सॉलिसिटर जनरल ने कहा कि अडानी पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांच के लिए समिति बनाने पर सरकार को कोई आपत्ति नहीं है. फिर जेपीसी गठन से स्पष्ट इंकार क्यों किया गया, जिसमें बीजेपी और उसके सहयोगी ही हावी रहते? सेबी ने 2020 के बाद अडानी समूह के स्टॉक में बेतहाशा बढ़ोतरी को जांच के बिना कैसे बर्दाश्त कर लिया, जबकि ऐसे मामले में गंभीरता से जांच की जरूरत होती है. क्या आप (प्रधानमंत्री) डरे हुए हैं? क्या आपको यह डर लगता है कि स्वतंत्र जांच होने से आप अडानी की गड़बड़ियों की जद में खुद आ जाएंगे?
9. राहुल गांधी को विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिए जाने के मामले में लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर आपत्ति जताई. अधीर रंजन ने कहा एक कंपनी की गड़बड़ियों के कारण निवेशकों के पैसे डूब गए. जनप्रतिनिधि के रूप में इस मुद्दों को सदन में उठा कर राहुल गांधी ने जन हित में अपनी जिम्मेदारी निभाई.
10. अधीर रंजन ने शिकायत करते हुए कहा कि बीजेपी के सदस्य पूर्व प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू, इंदिरा गांधी, राजीव गांधी, मनमोहन सिंह से लेकर राहुल गांधी (Rahul Gandhi) के परिवार के खिलाफ ओछी टिप्पणी करते हैं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होती. विपक्ष की जिम्मेदारी सरकार की कमियों को उजागर करना है. अगर विपक्ष की आवाज नहीं सुनी जाएगी इसका मतलब हम संवैधानिक कर्तव्य नहीं निभा रहे.
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