Adani Groups Row: अडानी-हिंडनबर्ग विवाद को लेकर सुप्रीम कोर्ट आज (12 मई) सुनवाई करेगा. ये सुनवाई सेबी से जुड़े मामले को लेकर होगी, जिसमें कोर्ट ने सेबी को 2 मार्च को अडानी ग्रुप्स के स्टॉक की कीमत में हेरफेर के आरोपों की दो महीने के अंदर जांच करने के लिए कहा था. इससे पहले 8 मई को सुप्रीम कोर्ट की ओर गठित एक्सपर्ट पैनल ने सीलबंद लिफाफे में एक रिपोर्ट सौंपी थी.


रिपोर्ट कहा गया था कि इस मामले की सुनवाई 12 मई को चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ के सामने होगी. 24 जनवरी को अमेरिकी शॉर्ट सेलिंग फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर धोखाधड़ी, स्टॉक की हेरफेर का आरोप लगाया था. हालांकि अडानी ग्रुप ने इन आरोपों को सीधे तौर पर खारिज कर दिया था. इसके बाद 29 अप्रैल को भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) अडानी ग्रुप के आरोपों की जांच पूरी करने के लिए छह महीने के विस्तार की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख किया था. इसके बाद कोर्ट ने समिति और सेबी से 2 महीने के भीतर रिपोर्ट पेश करने को कहा था.


सेबी ने मांगा था अतिरक्त समय


सेबी ने 29 अप्रैल को सुप्रीम कोर्ट के सामने अपनी बात रखते हुए जांच को पूरा करने के लिए 6 महीने और वक्त लेने की मांग की है. हालांकि इस मांग का जमकर विरोध भी हुआ और कई नेताओं ने इस पर कड़ी प्रतिक्रिया भी दी थी. वहीं, सेबी की ओर से मोहलत मांगने के विरोध में याचिका भी दाखिल की गई. याचिका में कहा गया कि जांच के लिए अतिरिक्त समय देने से कंपनी महत्वपूर्ण आकड़ों और फैक्ट्स के साथ छेड़छाड़ हो सकती है.


सेबी ने कोर्ट में क्या कहा?


इसको लेकर सेबी ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि उसे "उचित जांच करने और सत्यापित निष्कर्षों पर पहुंचने के लिए" और समय चाहिए. सेबी ने कहा कि ऐसे मामलों में आगे की जांच आवश्यक है जहां प्रारंभिक निष्कर्ष प्रतिभूति कानूनों के उल्लंघन की ओर इशारा करते हैं.


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