Congress On Adani Matter: कांग्रेस के कुछ सांसदों ने बुधवार (15 मार्च) को एक संसदीय समिति की बैठक में अडानी समूह से जुड़ा मामला उठाते हुए कहा कि भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (SEBI), भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के प्रमुखों, कारपोरेट कार्य मंत्रालय और अन्य नियामकों के अधिकारियों को सवाल-जवाब के लिए तलब किया जाए.
वित्त संबंधी संसद की स्थायी समिति में शामिल बीजेपी के सदस्यों ने इस मांग का विरोध करते हुए कहा कि यह मामला उच्चतम न्यायालय के विचारधीन है. सूत्रों ने यह जानकारी दी है. सूत्रों के अनुसार, कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने समिति की बैठक के दौरान यह मांग की. कांग्रेस के अन्य सदस्यों गौरव गोगोई और प्रमोद तिवारी तथा तृणमूल कांग्रेस के सौगत रॉय और बीजू जनता दल के पिनाकी मिश्रा एवं अमर पटनायक ने तिवारी का समर्थन किया.
सुप्रीम कोर्ट में लंबित है मामला
सूत्रों के हवाले से पीटीआई ने बताया कि बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद, एसएस अहलूवालिया और सुशील कुमार मोदी ने विपक्षी सदस्यों की मांग का पुरजोर विरोध किया. बीजेपी सदस्यों ने कहा, "यह मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है और शीर्ष अदालत ने एक समिति भी बनाई है." वहीं कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी का कहना था कि सेबी, रिजर्व बैंक और दूसरे नियामकों के प्रमुखों से सवाल-जवाब करना जरूरी है ताकि यह पता किया जा सके कि कहीं इस मामले में नियामक संबंधी कोई विफलता तो नहीं है.
किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची चर्चा
सूत्रों ने कहा कि समिति के अध्यक्ष जयंत सिन्हा ने कांग्रेस सदस्यों से कहा कि वे अपनी मांग लिखित में दें. जिसके बाद विपक्ष के सदस्यों ने कहा कि नियामकों के कामकाज को देखना समिति के कार्य का हिस्सा है. सूत्रों ने बताया कि इस विषय पर चर्चा किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंच सकी. इससे पहले सरकार ने सोमवार (13 मार्च) को लोकसभा में बताया था कि सेबी (SEBI) अडानी की कंपनियों की जांच कर रहा है.
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