अडानी-हिंडनबर्ग मामला एक बार फिर चर्चा में है. विदेशी मीडिया में हुए नए खुलासे के आधार पर विपक्ष सरकार पर मामले की लीपापोती का आरोप लगा रहा है. विपक्ष ने संयुक्त संसदीय कमिटी यानी जेपीसी के ज़रिए जांच की मांग को भी दोहराया है. यहां यह याद दिलाना ज़रूरी है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर पहले ही इस मामले की जांच चल रही है. कोर्ट ने मामले के दूसरे पहलुओं को देखने के लिए अपने पूर्व जज की अध्यक्षता में एक कमिटी भी बनाई है.


अब तक कोर्ट में इस मामले पर क्या-क्या हुआ है?


* इस साल फरवरी में सुप्रीम कोर्ट में 4 याचिकाएं दाखिल हुईं. यह याचिकाएं- विशाल तिवारी, मनोहर लाल शर्मा, अनामिका जायसवाल और जया ठाकुर की थीं.


* 2 मार्च को सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस पी एस नरसिम्हा और जे बी पारडीवाला की बेंच ने सिक्योरिटीज एंड एक्सचेंज बोर्ड ऑफ इंडिया (सेबी) से कहा है कि वह अडानी-हिंडनबर्ग मामले को लेकर अपनी जांच 2 महीने में पूरी करे.


* कोर्ट ने सेबी से कहा है कि वह इन पहलुओं की भी जांच करे कि क्या अडानी ग्रुप की तरफ से बड़े निवेशकों के साथ हुए करार को लेकर जानकारी सेबी से छिपाई गई? क्या अडानी के शेयरों की कीमत नियमों के विरुद्ध जाकर बढ़ाई गई?


* इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने शेयर बाजार के कामकाज में सुधार पर सुझाव देने के लिए 6 सदस्यीय कमेटी भी बनाई. इस कमेटी की अध्यक्षता सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस अभय मनोहर सप्रे को सौंपी गई. कमेटी के बाकी सदस्य हैं- ओ पी भट्ट (स्टेट बैंक ऑफ इंडिया के पूर्व चेयरमैन), जस्टिस जे पी देवधर (बॉम्बे हाई कोर्ट के पूर्व जज) के वी कामथ, नंदन नीलेकणी और वकील सोमशेखर सुंदरेशन. 


* विशेषज्ञ कमेटी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट के बाद शेयर बाजार में आई गिरावट के कारणों की जांच करने का ज़िम्मा दिया गया. साथ ही, भविष्य में निवेशकों को इस तरह की स्थितियों से बचाने की व्यवस्था बनाने पर सुझाव देने को कहा गया.


* 19 मई को एक्सपर्ट कमिटी ने सुप्रीम कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपी. 173 पन्नों की इस रिपोर्ट में बताया गया है कि सेबी की तरफ से अब तक की गई जांच में अदानी ग्रुप की कोई कमी नहीं पाई गई है. इसके विपरीत यह देखा गया है कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट से पहले कुछ संस्थाओं ने शॉर्ट पोजिशन ली और अदानी के शेयर गिरने से मुनाफा कमाया.


* एक्सपर्ट कमेटी ने यह भी बताया कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट से शेयर बाजार पर विशेष असर नहीं पड़ा. शुरू में अदानी के शेयर पर असर पड़ा, पर बाद में सुधार आ गया. अदानी ग्रुप ने निवेशकों का भरोसा जीतने के लिए तुरंत कई कदम उठाए, जिनका असर पड़ा.


* रिपोर्ट में यह भी कहा गया कि शेयर बाजार की मौजूदा नियामक व्यवस्था की कोई भी विफलता नहीं पाई गई है. सेबी के पास काफी शक्तियां है. फिर भी उसे और बेहतर बनाया जा सकता है.


* इस बीच सेबी ने अपनी जांच को पूरा करने के लिए कोर्ट से समय मांगा. 11 जुलाई को कोर्ट ने कहा कि वह 14 अगस्त तक स्टेटस रिपोर्ट दाखिल कर दे.


* 25 अगस्त को सेबी ने रिपोर्ट दाखिल की. सेबी ने बताया कि उसने कुल 24 पहलुओं की जांच की. इसमें से 22 की जांच पूरी हो चुकी है, 2 जांच की रिपोर्ट अंतरिम है. सेबी ने बताया कि वह अपनी जांच में सामने आए तथ्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई करेगा.


* सेबी की विस्तृत जांच रिपोर्ट अभी सामने नहीं आई है. उसकी तरफ से सिर्फ यही बताया गया है कि 24 मामलों की जांच के दौरान उसने क्या-क्या कदम उठाए. जांच में मिला क्या, इसकी जानकारी फिलहाल नहीं दी है.


* मामले पर अगले हफ्ते सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हो सकती है.


Exclusive: संसद का विशेष सत्र बुलाए जाने पर कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी बोले- 'हो सकता है कि पीएम मोदी...'