अदार पूनावाला ने कहा- "7-11 साल तक के बच्चों के टीके के लिए सरकार से मंजूरी मिलने का इंतजार"
पूनावाला ने बताया कि तैयार खुराकों की बर्बादी रोकने के लिए उनकी कंपनी ने कोविड-रोधी टीके का उत्पादन 31 दिसंबर, 2021 से ही रोक दिया है.
कोविड टीका विनिर्माता SII के मुख्य कार्यपालक अधिकारी CEO अदार पूनावाला ने सरकार के स्तर पर मंजूरी में देरी पर निराशा जताते हुए शुक्रवार को कहा कि बच्चों को दिए जाने वाले टीके की अनुमति का उन्हें कई महीनों से इंतजार है. पूनावाला ने 'टाइम्स नेटवर्क' के एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि समय पर फैसले लेने के लिए जिम्मेदार लोगों एवं समितियों के रुख से लगता है कि उन्हें किसी तरह की जल्दी नहीं है. उन्होंने कहा, "महामारी के खिलाफ जंग में हमें इस मुकाम तक लाने वाली तेजी अब गुम हो चुकी है. ऐसा लगता है कि उन लोगों के लिए सब कुछ सामान्य हो चुका है."
पूनावाला ने सात साल से लेकर 11 साल तक के बच्चों के लिए विकसित टीके के बारे में कहा कि उन्हें सरकार से इसकी मंजूरी मिलने का इंतजार है. उन्होंने कहा कि कोवोवैक्स टीके को नियामकीय मंजूरी कई महीने पहले ही मिल चुकी है और यूरोपीय देशों एवं ऑस्ट्रेलिया में इसकी आपूर्ति भी की जा रही है. उन्होंने कहा, 'वैसे तो यह सरकार स्वास्थ्य देखभाल को अहमियत देती रही है लेकिन ऐसा लगता है कि अब निर्णय लेने से जुड़ी प्रक्रियागत तेजी चली गई है.' पूनावाला ने बताया कि तैयार खुराकों की बर्बादी रोकने के लिए उनकी कंपनी ने कोविड-रोधी टीके का उत्पादन 31 दिसंबर, 2021 से ही रोक दिया है. उन्होंने कहा कि इस समय सीरम इंस्टीट्यूट के पास करीब 20 करोड़ खुराकें मौजूद हैं.
कोविशील्ड की एक खुराक की कीमत 600 रुपये से घटाकर 225 रुपये
उन्होंने टीकाकरण की रफ्तार में आई सुस्ती का जिक्र करते हुए कहा कि कोविशील्ड की एक खुराक की कीमत 600 रुपये से घटाकर 225 रुपये किए जाने के बावजूद लोग अब टीके लगवाने के लिए आगे नहीं आ रहे हैं. हालांकि पहले से दोनों नियमित खुराक लगवा चुके लोगों के लिए बूस्टर खुराक को जरूरी बताते हुए पूनावाला ने कहा कि देश के भीतर और बाहर सफर करने के लिए बढ़ी हुई प्रतिरोधकता की जरूरत बनी रहेगी.
हम किसी वयस्क या बच्चे की जान की कीमत नहीं लगा सकते
पूनावाला ने कहा कि बूस्टर खुराक को नौ महीने के बजाय छह महीने के अंतराल पर ही देने से लोगों की जान पर खतरा कम हो सकेगा. उन्होंने कहा कि वह दो नियमित खुराकों के बाद बूस्टर खुराक को जल्द देने की सिफारिश पैसा कमाने के नजरिये से नहीं कर रहे हैं. उन्होंने कहा, "मैं नहीं चाहता कि पहली दो लहरों की तरह लोगों की पीड़ा फिर दिखे. मैं बूस्टर खुराक जल्द देने की बात पैसे कमाने के लिए नहीं कह रहा हूं. वह तो मैं पहले ही काफी कमा चुका हूं. मैंने तो टीकों की बर्बादी रोकने के लिए मुफ्त देने की पेशकश भी की है. सिर्फ पैसे कमाना मेरा मकसद होता तो मैं ऐसा नहीं करता." पूनावाला ने कहा, "मेरा सिर्फ यह कहना है कि हम किसी वयस्क या बच्चे की जान की कीमत नहीं लगा सकते हैं. ऐसे में दूसरी लहर की तरह समय पर फैसले लेना आज के वक्त की जरूरत है.
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