नई दिल्ली: सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदार पूनावाला ने उन खबरों का खंडन किया है जिसमें वैक्सीन के विदेशों में निर्यात पर पाबंदी की बातें कहीं गई हैं. उन्होंने कहा है कि इसे लेकर मार्केट में जो भ्रम की स्थिति है. उसे तुरंत दूर किया जाएगा. पूनावाला का कहना है कि वैक्सीन के सभी देशों में निर्यात की अनुमति है और इसे लेकर भारत बायोटेक के साथ ज्वाइंट पब्लिक स्टेटमेंट भी दिया जाएगा.
दरअसल, कल ऐसी अफवाह फैल गई थी कि भारत सरकार ने ऑक्सफोर्ड- एस्ट्रा जेनिका की वैक्सीन के विदेशों में निर्यात पर कई महीनों की रोक लगा दी है.
इस भ्रम को तोड़ते हुए अदार पूनावाला ने ट्वीट में लिखा, "मैं दो बात स्पष्ट करना चाहता हूं, क्योंकि मार्केट में भ्रम की स्थिति है. सभी देशों को वैक्सीन के निर्यात की अनुमति है और भारत बायोटेक के संबंध में कोई भी गलत जानकारी फैलने पर ज्वाइंट पब्लिक स्टेटमेंट दिया जाएगा."
याद रहे कि पूनावाला ने पहले कहा था कि कोविशिल्ड की आपातकालीन उपयोग की मंजूरी इस शर्त पर दी गई थी कि कंपनी भारत के लिए पर्याप्त भंडार सुनिश्चित करने के बाद ही निर्यात कर सकती है.
आपको बता दें कि नए साल के पहले हफ्ते में भारत में सीरम इंस्टीट्यूट के कोविशिल्ड और भारत बायोटेक के कोवैक्सीन टीके को इमरजेंसी इस्तेमाल के लिए मंजूरी दी गई.
इसके साथ ही भारत बायोटेक कंपनी की कोवैक्सीन विवादों में है. इसके आपात इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने की आलोचना हो रही है.
आलोचना खारिज
हैदराबाद की भारत बायोटेक कंपनी ने कोविड-19 के टीके को डीसीजीआई द्वारा आपात इस्तेमाल की मंजूरी दिए जाने की आलोचनाओं को सोमवार को खारिज कर दिया. कंपनी ने कहा कि इसका सुरक्षित एवं प्रभावी टीका उत्पादन का रिकॉर्ड रहा है और इसके सभी डाटा पारदर्शी हैं. कोवैक्सीन की मंजूरी पर उद्योग के विशेषज्ञों और कांग्रेस के कुछ नेताओं ने सवाल उठाए हैं और तीसरे चरण के परीक्षण डाटा मौजूद नहीं होने पर चिंता जताई है, जिस पर भारत बायोटेक के अध्यक्ष कृष्णा इल्ला ने कहा '200 प्रतिशत ईमानदारी के साथ क्लीनिकल ट्रायल किये गए' फिर भी 'आलोचना' की जा रही है.
उन्होंने कहा कि पर्याप्त डाटा का पहले ही खुलासा कर दिया गया है और लोगों के लिए यह ऑनलाइन मौजूद है. उन्होंने सुझाव दिए कि टीके को इसलिए निशाना बनाया जा रहा है कि यह एक भारतीय कंपनी का उत्पाद है. कोवैक्सीन मेडिकल जरूरतों को पूरा करता है और इसने शानदार सुरक्षा डाटा सृजित किया है और इसकी रोग प्रतिरोधी क्षमता ठोस है.
इल्ला ने कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण की प्रभाविता संबंधी डाटा मार्च तक उपलब्ध होगा. उन्होंने कहा, ‘‘हम 200 फीसदी ईमानदारी से क्लीनिकल परीक्षण करते हैं और फिर भी हमारी आलोचना हो रही है.’’ उन्होंने कहा कि भारत बायोटेक का टीका फाइजर के टीके से कमतर नहीं है.
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