नई दिल्ली: गुजरात चुनाव के दूसरे और अंतिम चरण के मतदान से ठीक पहले आर्थिक मोर्चे पर बुरी खबर आई है. एशियाई विकास बैंक (एडीबी) ने बुधवार को देश की जीडीपी (सकल घरेलू उत्पाद) वृद्धि दर का अनुमान चालू वित्त वर्ष के लिए घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया है. इस गिरावट के लिए बैंक ने पहली छमाही के कमजोर प्रदर्शन, नोटबंदी और जीएसटी (वस्तु एवं सेवा कर) के लागू होने के बाद की चुनौतियों का हवाला दिया है. बहुपक्षीय ऋणदाता ने वित्त वर्ष 2018-19 के लिए देश का जीडीपी अनुमान 7.4 फीसदी से घटाकर 7.3 फीसदी कर दिया है, जिसका मुख्य कारण कच्चे तेल की अंतर्राष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी और देश में स्थिर निजी निवेश को बताया है.


एडीबी ने एशियाई विकास परिदृश्य रिपोर्ट में कहा है, "वित्त वर्ष 2017-18 की पहली छमाही में उत्साहविहीन विकास दर, साल 2016 के नवंबर में की गई नोटबंदी के असर, नई कर प्रणाली को लागू करने में आनेवाली शुरुआती चुनौतियों, 2017 में अपूर्ण मॉनसून के कारण कृषि क्षेत्र पर होनेवाले असर को देखते हुए अनुमान है कि भारत की अर्थव्यवस्था अब 6.7 फीसदी की दर से बढ़ेगी, जबकि पहले के अनुमानों में इसके सात फीसदी रहने की बात कही गई थी."


अपने सितंबर के अपडेट में एडीबी ने भारत के विकास दर अनुमान को चालू वित्त वर्ष के लिए घटाकर सात फीसदी कर दिया था और अगले वित्त वर्ष के लिए इसे 7.6 फीसदी से घटाकर 7.4 फीसदी किया था.