Addanda C Cariappa Resign: कर्नाटक में बीजेपी की बुरी हार के बाद मैसूर में रंगायन थिएटर संस्थान के डायरेक्टर अडांडा सी करियप्पा ने रविवार (14 मई) को अपने पद से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने इस्तीफे के पीछे बीजेपी की हार की नैतिक जिम्मेदारी का हवाला दिया है.


हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, करियप्पा ने 14 मई को कन्नड़ और संस्कृति विभाग के सचिव को संबोधित अपनी चिट्ठी में कहा, “जिस सरकार ने मुझे रंगायन का डायरेक्टर नियुक्त किया था, वो चुनाव हार गई है. मैं लोगों के जनादेश का सम्मान करता हूं और नैतिक जिम्मेदारी लेते हुए निदेशक पद से इस्तीफा दे रहा हूं.”


विवादों से घिरे रहे करियप्पा


रिपर्टरी के निदेशक के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान करियप्पा कई विवादों से घिरे रहे. इसमें उनके लिखे और निर्देशित किए हुए नाटक टीपू निजा कानसुगालु (टीपू के असली सपने) का मंचन भी शामिल था. नवंबर 2022 में मैसूरु के भूमिगीता में नाटक का मंचन किया गया और इसी कहानी के साथ एक किताब भी प्रकाशित की गई.


इसमें कहा गया कि 18वीं सदी के मैसूर के शासक को अंग्रेजों ने नहीं, बल्कि वोक्कालिगा सरदारों उरी गौड़ा और नन्जे गौड़ा ने मारा था. साथ ही ये भी कहा गया कि मुस्लिम शासक को गलत तरीके से पेश किया गया. करियप्पा ने ये भी कहा था कि टीपू ने 80,000 कोडव (कर्नाटक के कोडागु जिले के मूल योद्धा कबीले) का नरसंहार किया था.


इस पर इतिहासकारों और विशेषज्ञों ने सवाल उठाते हुए इसे "कथा" करार दिया और राजनीतिक लाभ के लिए समुदायों के ध्रुवीकरण करने का प्रयास बताया. जिला वक्फ बोर्ड कमेटी (डीडब्ल्यूबीसी) के पूर्व अध्यक्ष बीएस रफीउल्ला ने नाटक और किताब पर रोक लगाने के लिए याचिका दायर की थी.


रफीउल्ला ने आरोप लगाया कि इसमें "इतिहास से किसी भी समर्थन या औचित्य के बिना गलत जानकारी शामिल है" और इससे मुस्लिम समुदाय की भावनाओं को ठेस पहुंची है. बाद में, बेंगलुरु में अतिरिक्त शहर सिविल और सत्र न्यायालय ने याचिका के जवाब में पुस्तक के वितरण और बिक्री पर रोक लगा दी.


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