यूपी के नोएडा में देश की सबसे बड़ी रोबोट फैक्ट्री की शुरुआत हो गई है. यहां रोबोट ही रोबोट बनाए जाएंगे. दरअसल देश में अभी गिनी चुनी कंपनियों ने ही रोबोट बनाना शुरू किया है. नोएडा में बनी इस फैक्ट्री में देश की व्यापारिक संस्थाओं की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए रोबोट बनाया जाएगा. बुधवार शाम नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने इस रोबोट फैक्ट्री का उद्घाटन किया.


यहां रोबोट अपने ऊपर रखे गए सामान का बार कोड स्कैन कर लेते हैं और जान जाते हैं कि इस सामान को किस पते पर पहुंचाना है. ठीक उसी जगह इसे रखते हैं जहां के लिए इसे भेजा गया था. अपने डेस्टिनेशन के अनुसार ये जमीन पर लगे क्यू आर कोड का सहारा लेते हैं और आपस में बिना लड़े कंपनी का बताया काम करते रहते हैं.


25 किलो से 2 टन का वजन ढोने में सक्षम
देखने में ये किसी चलने वाली मेज की तरह लगते हैं लेकिन ये रोबोट कहलाते हैं क्योंकि इनमें कई काम एक साथ करने की क्षमता है. ये 25 किलो से लेकर 2 टन का वजन एक स्थान से दूसरे स्थान तक पहुंचाने के लिए डिजाइन किए जा सकते हैं. फिलहाल दो छोटे पहियों पर दौड़ रहा ये रोबोट एक बार में 25 किलो सामान तय की हुई जगह पर पहुंचा सकता है. ये भी क्यू आर कोड तकनीक का सहारा लेता है.


लेकिन बड़े रोबोट को अपने रास्ते में क्यू आर कोड की जरूरत नहीं पड़ती क्योंकि ये अपना पहले से तय किया गया रास्ता लिडार तकनीक से खोज लेता है. इसी तरह वेलोस रोबोट अलग-अलग खानों में रखे डिब्बों को एक जगह से उठाकर दूर स्थान पर ले जाता है. फिर हर डिब्बे को उसके निर्धारित खाने में रख देता है.


नीति आयोग का विजन
ये उद्घाटन कार्यक्रम सरकारी नहीं है लेकिन नोएडा के सेक्टर-156 में नई बनी इस बिल्डिंग के लोकार्पण के लिए नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत खुद पहुंचे. वजह है नीति आयोग का वो विजन जिसके चलते देश में इस तरह की वर्ल्ड क्लास फैक्ट्रियां संभव हो पा रही हैं. एडवर्ब नाम की ये कंपनी देश में रोबोट बनाने की सबसे बड़ी कंपनी है. अब इस कंपनी का ये नया ठिकाना है जहां देश की व्यापारिक जरूरतों को ध्यान में रखते हुए सबसे ज्यादा रोबोट बनेंगे.


एक ओर नीति आयोग रेलवे जैसी राष्ट्रीय महत्व की संस्थाओं का क्रमबद्ध निजीकरण करने की योजना को अमली जामा पहनाने की कोशिश कर रहा है. वहीं आत्मनिर्भर भारत के तहत नए स्टार्टअप की मदद भी कर रहा है. नीति आयोग चाहता है कि सरकार के ऊपर से व्यापारिक कामों का बोझ कम से कम हो और आधुनिकतम टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में अधिक से अधिक उद्योग स्थापित हों.


नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत ने कहा, "देश में राइजिंग सन टेक्नोलोजी की ही जरूरत है. रोबॉटिक्स और जिनोम सिकवेंसिंग जैसे क्षेत्र हमारी ज़रूरत हैं." वहीं एडवर्ब रोबॉटिक्स के मैनेजिंग डाईरेक्टर ने सभी तरह के रोबॉट को अलग अलग दिखाते हुए उसकी उपयोगिता, विशेषताओं और टेक्नोलोजी पर बात की है.


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