Adenovirus Symptoms, Treatment and precautions: कोरोना वायरस के बाद, अब अडिनो वायरस (Adenovirus) सता रहा है. पश्चिम बंगाल (West Bengal) में अडिनो वायरस से संक्रमित मरीजों के मामले बढ़ रहे हैं. हर उम्र के लोगों को यह संक्रमित कर सकता है लेकिन आम तौर पर छोटे बच्चे इसका ज्यादा शिकार बन रहे हैं. बंगाल में रविवार (19 फरवरी) को कथित तौर पर दो बच्चों की जान इस वायरस के कारण चली गई. जान गंवाने वालों में महज छह साल का एक शिशु और ढाई साल की बच्ची थी. हालांकि, औपचारिक रूप से एडिनो वायरस को बच्चों की मौत का कारण नहीं माना गया है. 


इस बीच स्वास्थ्य अधिकारियों ने चिंता जताई है कि राज्य में एडिनो वायरस के मामले में उछाला आया है, जिसकी वजह से अस्पतालों के बाल चिकित्सा वॉर्ड तेजी से भर रहे हैं. अधिकारियों के मुताबिक, जनवरी से कोलकाता में भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद-राष्ट्रीय हैजा और आंत्र रोग संस्थान (ICMR-NICED) को भेजे गए कम से कम 32 फीसदी नमूनों में में एडिनो वायरस पॉजिटिव पाया गया है.


अडिनो वायरस के लक्षण क्या हैं?


अडिनो वायरस हर उम्र के लोगों को शिकार बना सकता है. इसके लक्षणों में सर्दी या फ्लू, बुखार और गले में खराश होना, गले में सूजन, निमोनिया, आंख आना और पेट में सूजन आना शामिल है. कमजोर इम्यूनिटी वाले लोगों के लिए जोखिम ज्यादा होता है. सांस या हृदय रोग से पीड़ित लोगों के लिए इसमें जोखिम ज्यादा रहता है. 


अडिनो वायरस कैसे फैलता है?


अमेरिका के रोग नियंत्रण और रोकथाम केंद्र के मुताबिक, अडिनो वायरस आमतौर पर किसी संक्रमित व्यक्ति के साथ शारीरिक संपर्क में आने से फैलता है. इसके अलावा, यह खांसी और छींक के माध्यम से हवा के जरिये भी फैल सकता है. मरीज के मल के से भी यह फैल सकता है. ऐसे में सेंटर की ओर से संक्रमित मरीजा का डायपर बदलने की सलाह दी गई है. 


अडिनो वायरस का इलाज क्या है?


वर्तामान में इस वायरस से संक्रमित होने पर इलाज के लिए कोई विशेष कोर्स या स्वीकृत एंटी वायरल दवाएं नहीं हैं. चूंकि ज्यादातर मामले हल्के होते हैं, इसलिए उनका इलाज पेन-किलर्स या ऐसी किसी दवा से किया जाता है जो इसके लक्षणों में इलाज के काम आ सकती है. 


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