Death From Adenovirus In West Bengal: कोरोना वायरस के बाद देश में एक नए एडेनोवायरस ने दस्तक दी है. पश्चिम बंगाल में इस वायरस के मामले लगातार बढ़ रहे हैं और अस्पतालों में वार्ड तेजी से भर रहे हैं. ये वायरस बच्चों को सबसे ज्यादा प्रभावित करता है. कोलकाता में एडेनोवायरस से संक्रमण के बाद स्वास्थ्य संबंधी जटिलताओं के कारण 13 साल की एक किशोरी की मौत हो गयी. अधिकारियों ने गुरुवार (23 फरवरी) को इसकी जानकारी दी.


अधिकारी ने बताया कि मृतक की पहचान उर्जास्वती रॉय चौधरी के तौर पर की गई है और वह प्रदेश के खड़गपुर की रहने वाली थी. उन्होंने बताया कि एडेनोवायरस से संक्रमण के बाद बुधवार (22 फरवरी) को सांस लेने में तकलीफ के कारण उसकी मौत हो गयी.


मस्कुलर एट्रॉफी से भी थी पीड़ित


अस्पताल के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया, ‘‘किशोरी को 15 फरवरी को बुखार और सांस लेने में कठिनाई के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था, उसे वेंटिलेटर पर रखा गया और बाद में आईसीयू में भेज दिया गया. बाद में उसमें एडेनोवायरस संक्रमण का पता चला. बुधवार की सुबह लड़की ने आखिरी सांस ली.’’ उन्होंने बताया कि लड़की बचपन से ही मस्कुलर एट्रॉफी से पीड़ित थी. पश्चिम बंगाल में इस बीमारी में बढ़ोतरी देखी जा रही है, लेकिन राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने हाल ही में कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है क्योंकि स्थिति नियंत्रण में है.


एडेनोवायरस क्या है?


एडेनोवायरस मध्यम आकार का अविकसित वायरस है जो कई तरह के संक्रमण पैदा कर सकता है, ज्यादातर सामान्य सर्दी या फ्लू. शोधकर्ताओं ने लगभग 50 तरह के एडेनोवायरस की पहचान की है जो लोगों को संक्रमित कर सकते हैं. संक्रमण साल भर हो सकता है, लेकिन फिर सर्दियों में चरम पर पहुंच जाता है. कमजोर इम्युनिटी सिस्टम, सांस या दिल की बीमारी वाले लोगों को एडेनोवायरस संक्रमण से गंभीर बीमारी होने का ज्यादा खतरा होता है.


कैसे फैलता है ये वायरस?


सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल एंड प्रिवेंशन के अनुसार, एडेनोवायरस हल्की सर्दी या फ्लू जैसी बीमारी का कारण बन सकता है और सभी उम्र के लोगों को संक्रमित कर सकता है. ये बीमारी आमतौर पर एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में शारीरिक संपर्क जैसे छूने, हाथ मिलाने, खांसने और हवा में छींकने से फैलती है.


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