Adhir Ranjan Chowdhury: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अधीर रंजन चौधरी पार्टी से नाराज चल रहे हैं. सूत्रों के मुताबिक अधीर रंजन चौधरी की नाराजगी की वजह उन्हें बिना बताए बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष पद से हटाया जाना है. उन्होंने कहा कि हाल ही में हुई बैठक में उन्हें पूर्व अध्यक्ष कहकर संबोधित किया गया जो उनके लिए काफी चौंकाना वाला था.


न्यूज एजेंसी एएनआई से बातचीत में अधीर रंजन चौधरी ने पार्टी की मीटिंग में हुई बातों का जिक्र किया. अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'हमारी पार्टी के नेता केसी वेणुगोपाल ने जो बंगाल के प्रभारी हैं एक गुलाब मीर और एक सिंह, इन दोनों के मन मुताबिक जिन-जिन नेताओं को बुलाना जरुरी समझा उन्हें हाल ही में मीटिंग में बुलाया गया. वेणुगोपाल जी ने सबसे अलग-अलग मुलाकात की और अगले दिन बंगाल कांग्रेस के नेताओं से मिले. सभी नेताओं की राय मांगी गई. इसके अलावा मीटिंग में कुछ नहीं हुआ.'


लगा था राहुल और खरगे भी होंगे- अधीर


अधीर रंजन चौधरी ने कहा, 'मुझे लगा कि मीटिंग में राहुल गांधी और मल्लिकार्जुन खरगे जी भी होंगे, लेकिन सिर्फ वेणुगोपाल जी ही मीटिंग में थे. जिस दिन से मल्लिकार्जुन खरगे कांग्रेस अध्यक्ष बने. पार्टी का जो संविधान है उसके मुताबिक सारे पद अस्थाई हो जाते हैं. उस विषय को अगर सामने रखें तो जिस दिन से खरगे ने पद संभाला उसी दिन से सारे देश में सारे पद अस्थाई हो गए.


'मेरी मौजूदगी में हो समझौता'


उन्होंने कहा, 'चुनाव के दौरान मैंने पार्टी को कहा था अगर बंगाल में कोई सीट समझौता करना है तो, अलायंस नहीं सीट समझौता. तो ये मेरी मौजूदगी में होना चाहिए. चुनाव के दौरान अध्यक्ष ने कहा कि अगर मुझे बाहर रखना जरुरी होगा तो रख दिया जाएगा, ये सुनकर मुझे दुख हुआ था. मैं अध्यक्ष तो था ही ना, चाहे स्थायी हूं या अस्थायी.


'खरगे का आया फोन'


अधीर रंजन चौधरी बोले, 'मैंने पार्टी अध्यक्ष को खबर भेजी कि अगर मुमकिन है तो मुझे किसी दूसरे शख्स से बदल दें. इसके बाद खरगे साहब का फोन आया और उन्होंने कहा कि चुनाव नतीजों के बाद आप दिल्ली आना और एकसाथ बैठकर बंगाल के विषय पर बात करेंगे. बीच में कांग्रेस की तरफ से एक संदेश भेजा गया कि आप बंगाल के सारे नेतागण जो हैं सबको बुलाकर इकट्ठा कीजिए एक संकल्प पास कराना है.


'...और मैं पूर्व अध्यक्ष बन गया'


उन्होंने कहा, 'बंगाल में हमारे जितने नेता हैं सबको बुलाकर मैंने इकट्ठा किया और सारे इंतजाम किए. इस दौरान दो संकल्प पास किए गए . मुझे ये जानकारी थी कि सभापति होते हुए मैंने ये बैठक बुलाई. इसके बाद मीर लोग संबोधन करने लगे और कहने लगे कि हम एक-एक कर केसी वेणुगोपाल जी से मुलाकात करेंगे. संबोधन से पहले कहा गया कि यहां पूर्व बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष भी हैं. उस समय मुझे पता चला कि मैं पूर्व अध्यक्ष बन चुका हूं.'


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