Adhir Ranjan Chowdhury News: पश्चिम बंगाल में सीटों के बंटवारे को लेकर कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच चल रही तकरार और बढ़ती दिख रही है. कांग्रेस के सांसद अधीर रंजन चौधरी ने टीएमसी की ओर से दो सीटें ऑफर करने पर नाराजगी जताई है. उन्होंने इसको लेकर गुरुवार (4 जनवरी) को टीएमसी पर जमकर निशाना साधा.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "उनसे कौन भीख मांगने गया है, हमें पता नहीं क्या हमारे पास दो सीटें हैं. ममता जी से कौन सीटें मांग रहा है. हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं. ममता जी नरेंद्र मोदी जी के सेवा में लगी हुई हैं. कांग्रेस को ममता की दया की कोई जरूरत नहीं है, हम अपने दम पर चुनाव लड़ सकते हैं."
ममता पर उठाए थे पहले भी सवाल
बता दें कि पिछले हफ्ते ही कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने I.N.D.I.A गठबंधन को लेकर बड़ी बात कही थी. अधीर रंजन चौधऱी का कहना था कि तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) अध्यक्ष और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी अगले साल लोकसभा चुनाव से पहले राज्य में इंडिया में शामिल दलों के बीच गठबंधन में दिलचस्पी नहीं रखती हैं. 30 दिसंबर 2023 को मुर्शिदाबाद जिले में मीडिया से बात करते हुए चौधरी ने कहा था, “मुख्यमंत्री खुद पश्चिम बंगाल में गठबंधन नहीं चाहतीं क्योंकि उन्हें समस्याएं होंगी. उन्होंने ही गठबंधन की संभावना को खत्म कर दिया है. अगर आप उनके भाषण सुनेंगे तो पाएंगे कि वह यहां गठबंधन नहीं चाहतीं.”
ममता ने पश्चिम बंगाल में अकेले लड़ने के दिए थे संकेत
कांग्रेस नेता की यह टिप्पणी ममता बनर्जी की ओर से यह संकेत दिए जाने के कुछ दिनों बाद आई है जिसमें उन्होंने कहा था कि इंडिया ब्लॉक का गठन केवल राष्ट्रीय स्तर पर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) से मुकाबला करने के लिए किया गया है. पश्चिम बंगाल में टीएमसी ही बीजेपी से लड़ेगी, जबकि इंडिया ब्लॉक देश के बाकी हिस्सों में होगा. केवल टीएमसी ही पश्चिम बंगाल में बीजेपी को मात दे सकती है और पूरे देश में दूसरों के लिए एक मॉडल स्थापित कर सकती है.''
'मुर्शिदाबाद में TMC और BJP को फिर हराएंगे'
अधीर रंजन चौधरी ने तब कहा था, "कांग्रेस अपनी चुनावी तैयारियों के साथ आगे बढ़ रही है. हमें कोई फर्क नहीं पड़ता कि कौन हमारे साथ आ रहा है या हमें छोड़कर जा रहा है. हमने मुर्शिदाबाद में टीएमसी और बीजेपी को कई बार हराया है और हम फिर से हराएंगे.” साल 2019 के लोकसभा चुनावों में टीएमसी ने पश्चिम बंगाल की कुल 42 लोकसभा सीटों में से 22 सीटें जीती थीं, जबकि कांग्रेस को बेरहामपुर और मालदा दक्षिण की सीटों पर जीत मिली थी.
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