नई दिल्ली: लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता के पद में बदलाव की अटकलों पर विराम लगाते हुए पार्टी ने उच्च सूत्रों ने साफ किया है फिलहाल कोई बदलाव नहीं होने जा रहा. यानी संसद के आगामी मानसून सत्र के दौरान अधीर रंजन चौधरी लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता बने रहेंगे. 


कांग्रेस पार्टी के एक आधिकारिक सूत्र के मुताबिक, संसद सत्र में एक हफ्ते से भी कम समय बचा है.  ऐसे में लोकसभा में पार्टी के नेता का बदलाव संभव नहीं है. मानसून सत्र में सरकार को घेरने की रणनीति बनाने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी द्वारा बुधवार शाम बुलाई गई "पार्लियामेंट्री स्ट्रेटजी ग्रुप" की बैठक में भी अधीर रंजन मौजूद रहेंगे. 


पश्चिम बंगाल में मुर्शिदाबाद से सांसद अधीर रंजन चौधरी को उनकी वरिष्ठता को ध्यान में रख कर कांग्रेस नेतृत्व ने 2019 में चुनी गई 17वीं लोकसभा में दल का नेता बनाया था. पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले बीते साल अधीर रंजन को एक बार फिर बंगाल कांग्रेस की कमान दी गई. तभी से "एक व्यक्ति एक पद" के फॉर्मूले के आधार पर कयास लगाए जा रहे हैं कि कांग्रेस लोकसभा में दल के नेता पद पर बदलाव कर सकती है. 


हालांकि बीते शीतकालीन सत्र और बजट सत्र में अधीर रंजन ही लोकसभा में कांग्रेस के नेता बने रहे. लेकिन पश्चिम बंगाल चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद अधीर को लोकसभा में कांग्रेस दल के नेता पद से हटाए जाने की कयास नए सिरे से लगाए जाने लगे. अधीर रंजन की जगह रवनीत बिट्टू, मनीष तिवारी, शशि थरूर और गौरव गोगोई को दिए जाने को लेकर अटकलों का बाजार गर्म था. कुछ लोगों ने यह खबरें भी उड़ा दी कि राहुल गांधी अधीर की जगह ले सकते हैं. 


लेकिन अब इन अटकलों पर कांग्रेस के उच्च सूत्रों ने विराम लगा दिया है. लेकिन यह सवाल अभी भी बना हुआ है कि क्या कांग्रेस भविष्य में अधीर रंजन की जगह किसी नए चेहरे को लोकसभा में दल का नेता बना सकती है! 


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