One Nation One Election Committee: वन नेशन, वन इलेक्शन की कमिटी में शामिल होने के लिए हामी भरने के दावे और इनकार की खबरों के बीच इस मामले पर लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी की तरफ से सफाई आई है. पहले हामी और अब इनकार के सवाल पर अधीर रंजन चौधरी ने कहा है, "सरकार के झूठ का पुलिंदा अगर सही होता तो देश बदल चुका होता. सरकार के सूत्र कौन हैं? सामने आकर वह बात क्यों नहीं करते ? मैं निडर हूं, नीरव नहीं." 


अधीर रंजन ने बताया, "कमिटी की जानकारी देने के लिए 31 अगस्त को रात 11 बजे पीएम के प्रिंसिपल सेक्रेटरी पीके मिश्र का फोन आया था. मैंने कहा, कागजात देखने के बाद मैं अपनी राय बताऊंगा." अधीर रंजन चौधरी ने कहा, किसी मंत्री ने नहीं एक बाबू ने फोन किया था. उन्होंने अपनी बात पर जोर देते हुए कहा, "पेगासस से जांच कर लीजिए हमारी क्या बात हुई?  जरूरत पड़े तो जेल भेज दो."


क्या है पूरा मामला
वन नेशन, वन इलेक्शन को लेकर कमिटी में खरगे का नाम होने के चलते विपक्ष के कई नेताओं ने विरोध जताया था. इस बीच कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने मामले पर नाराजगी जताते हुए गृहमंत्री अमित शाह को चिट्ठी लिखकर कमिटी से अपना नाम वापस ले लिया था. इस बीच सूत्रों के हवाले से दावा किया गया था कि पहले अधीर रंजन चौधरी ने कमिटी में शामिल होने के लिए हामी भरी थी. 


कमिटी के अध्यक्ष पूर्व राष्ट्रपति कोविंद
सरकार ने शनिवार (2 सितंबर) को एक आठ सदस्यीय उच्च स्तरीय समिति के गठन का नोटिफिकेशन जारी किया था, जिसकी अध्यक्षता पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे. नोटिफिकेशन जारी होने के कुछ घंटों बाद लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी केंद्रीय मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर समिति का सदस्य बनने से इनकार किया. अधीर इकलौते ऐसे विपक्ष के नेता थे, जिन्हें इस कमिटी में शामिल किया गया था.


ये भी पढ़ें- Udhayanidhi Sanatana Remarks: उदयनिधि स्टालिन की बढ़ी मुश्किलें, शिवसेना नेता ने की कार्रवाई की मांग, मुंबई के ज्वाइंट सीपी को लिखा पत्र