'...डंडा घुमाकर सबको ठंडा कर देंगे', लोकसभा से निलंबित होने पर अधीर रंजन चौधरी की पहली प्रतिक्रिया
Opposition MP Suspended: लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किए जाने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि हमारी मांग है कि गृह मंत्री अमित सदन के भीतर पूरे मामले को लेकर बयान दें.
Parliament Winter Session: लोकसभा से 33 सांसदों को निलंबित किए जाने पर कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि उनको लगता है कि बहुमत के बाहुबल का डंडा घुमाकर सबको ठंडा कर देंगे और सबकी जुबान बंद कर देंगे.
उन्होंने आगे कहा कि मुझे नहीं लगता कि सदन में विपक्ष का कोई नेता बचा है, मैं भी इस लिस्ट में शामिल हूं. सुबह से हमारी मांग थी कि हमारे जितने सांसद निलंबित हैं उनकी बहाली हो और गृह मंत्री अमित शाह सदन में आकर जवाब दें. जो बयान वो टीवी पर बैठकर देते हैं वो बात सदन में आकर कहें और देश को जानकारी दें.
अधीर रंजन चौधरी ने कहा?
अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि संसद और देश की सुरक्षा के लिए सरकार क्या कर रही है उसकी जानकारी दें. सदन चलाना सरकार की जिम्मेदारी है, लोकतंत्र को साथ में रखना जरूरी होता है. चर्चा करने के लिए हम लोग मुखर थे. हम लोग पहले दिन से सरकार को मदद कर रहे हैं. यहां लगता है कि टीवी में बोलना और बाहर बोलना आसान लगता है. लेकिन सदन में आकर बोलने में वो डरते हैं.
VIDEO | "Since morning and for the last several days, we have been demanding that the suspension of our MPs be revoked and that Home Minister issues a statement in the House," says Congress leader @adhirrcinc amid Centre-Opposition standoff over Parliament security breach.… pic.twitter.com/YRu119OgXc
— Press Trust of India (@PTI_News) December 18, 2023
दरअसल, शीतकालीन सत्र से अब तक 47 सांसदों को निलंबित किया गया है. इनमें एक राज्यसभा के सांसद डेरेक ओ ब्रायन का नाम शामिल हैं. 13 लोकसभा सांसदों को गुरुवार (14 दिसंबर) को निलंबित किया गया था. इस समय पर लोकसभा स्पीकर ओम बिरला का कहना है कि सांसदों का निलंबन संसद की सुरक्षा में चूक के मुद्दे से जुड़ा नहीं है.
किन सांसदों को निलंबित किया गया?
लोकसभा में तख्तियां लेकर हंगामा करने के कारण कांग्रेस के अधीर रंजन चौधरी, के. सुरेश, टीएमसी के कल्याण बनर्जी, सौगत रॉय, प्रतिमा मंडल, डीएमके के ए. राजा और आरएसपी के एन के प्रेमचंद्रन सहित कई सदस्यों को सदन की शेष अवधि के लिए निलंबित किया गया.
निलंबित हुए सांसदों में दयानिधि मारन, अपूर्वा पोद्दार, प्रसून बनर्जी, मोहम्मद वसीर, जी सेलवम, सीएन अन्नादुरैय, डॉ टी सुमती, के नवासकानी, के वीरस्वामी, एनके प्रेमचंद्रन, शताब्दी रॉय, असिथ कुमार मल, कौशलेंद्र कुमार, एनटो एंटनी, एस एस पलनामनिक्कम, तिरुवरुस्कर (Su. Thirunavukkarasar), विजय बसंत, प्रतिमा मंडल, काकोली घोष, के मुरलीधरन, सुनील कुमार मंडल, एस राम लिंगम, के सुरेश, अमर सिंह, राजमोहन उन्नीथन, गौरव गोगोई और टीआर बालू शामिल हैं.
वहीं इसके अलावा लोकसभा से के. जयकुमार, विजय वसंत और अब्दुल खालिक को विशेषाधिकार समिति की रिपोर्ट आने तक निलंबित किया गया.
सरकार और विपक्ष क्या कह रहा है?
संसद की सूरक्षा में हुई इस चूक को लेकर विपक्षी पार्टियां गृह मंत्री अमित शाह से सदन में बयान देने की मांग कर रहे हैं. वहीं सरकार का कहना है कि इस मुद्दे पर राजनीति नहीं होनी चाहिए.
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