Delhi Ordinance 2023: दिल्ली में प्रशासनिक सेवाओं को लेकर केंद्र की ओर से लाए गए अध्यादेश पर आम आदमी पार्टी (AAP) को कांग्रेस (Congress) का साथ मिल गया है. कांग्रेस महासचिव-संगठन केसी वेणुगोपाल ने रविवार (16 जुलाई) को कहा कि अध्यादेश के मुद्दे पर कांग्रेस का रुख बिल्कुल स्पष्ट है, हम इसका विरोध करेंगे. इस मुद्दे पर अब कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी (Adhir Ranjan Chowdhury) ने भी प्रतिक्रिया दी है. 


उन्होंने कहा कि हर बात में अध्यादेश लाना मुझे समझ नहीं आता है. जब आम जनता और देश हित पर कोई खतरा आता है तो कांग्रेस पार्टी विरोध करती है. सदन में कांग्रेस का यही इतिहास रहा है. जब भी देश और संविधान खतरे में आया है तो कांग्रेस ही सबसे पहले जंग छेड़ती है, ये हमारा फर्ज है. 


"कांग्रेस दबाव में आकर फैसला नहीं लेती"


अधीर रंजन चौधरी ने आगे कहा कि ये आम आदमी पार्टी की बात नहीं है, ये उसूलों की बात है. कांग्रेस पार्टी किसी के दबाव में आकर कोई फैसला नहीं लेती है. देश और संविधान पर जब भी खतरा आएगा कांग्रेस पार्टी सबसे पहले उसका विरोध करेगी. जहां-जहां हमें लगेगा कि संघीय ढांचे का अपमान हो रहा है, कांग्रेस उसका विरोध करेगी. ये राय आज की नहीं है सदियों से ये राय चली आ रही है. 


आम आदमी पार्टी ने किया फैसले का स्वागत


कांग्रेस के इस कदम का आम आदमी पार्टी के नेताओं ने भी स्वागत किया है. दिल्ली की आप सरकार के मंत्री गोपाल राय ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने आज अपना रुख स्पष्ट किया और कहा कि वह दिल्ली अध्यादेश का विरोध करेगी. कांग्रेस के समर्थन से इस लड़ाई को ताकत मिली है. हम उनके इस कदम का स्वागत करते हैं.


विपक्ष की बैठक में हिस्सा लेगी आप


आम आदमी पार्टी के राज्यसभा सांसद राघव चड्ढा ने कहा कि दिल्ली अध्यादेश राष्ट्र विरोधी है. अरविंद केजरीवाल ने इस अध्यादेश के खिलाफ तमाम राजनैतिक पार्टियों का सहयोग मांगा और उन्होंने इसपर हमारा सहयोग किया. कांग्रेस पार्टी ने भी इस अध्यादेश के खिलाफ विरोध दर्ज कराया है. 17-18 जुलाई को बेंगलुरु में होने वाली विपक्ष की बैठक में आम आदमी पार्टी हिस्सा लेगी. 


मानसून सत्र में विधेयक होगा पेश


केंद्र सरकार ने 20 जुलाई से शुरू होने वाले संसद के मानसून सत्र में दिल्ली की प्रशासनिक सेवाओं से जुड़े अध्यादेश को लेकर विधेयक पारित करने के लिए लिस्ट किया है. दिल्ली की आप सरकार इसका पुरजोर विरोध कर रही है. इसके लिए आप ने अन्य विपक्षी दलों का भी समर्थन मांगा है.


केंद्र सरकार ने दिल्ली में ग्रुप-ए अधिकारियों के तबादले और उनके खिलाफ अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए बीती 19 मई को राष्ट्रीय राजधानी लोक सेवा प्राधिकरण गठित करने के उद्देश्य से अध्यादेश जारी किया था.


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