Adhir Ranjan Chowdhury Letter To LS Speaker: राहुल गांधी के लंदन में दिए गए बयानों को लेकर संसद में पक्ष और विपक्ष के बीच मची तकरार के दरमियान कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला (Om Birla) को एक पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने संसद के हंगामे को सदन में 'सरकार की ओर से प्रायोजित व्यवधान' (Government-Sponsored Disruption) करार दिया है. संसद के हंगामे को उन्होंने बीजेपी की साजिश बताया है और यह भी लिखा कि सत्तारूढ़ पार्टी क्यों ऐसा कर रही है.
लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी ने इसी के साथ मांग की है कि विपक्षी सांसदों को निष्पक्ष तरीके से उनके विचार रखने के लिए मौका दिया जाना चाहिए. ओम बिरला को लिखे पत्र में चौधरी ने माइक का भी मुद्दा उठाया है. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि संसद में अक्सर उनके माइक म्यूट कर दिए जाते हैं.
अधीर रंजन ने बताया बीजेपी ने इसलिए रची साजिश
लोकसभा स्पीकर को लिखे पत्र में अधीर रंजन चौधरी ने दावा किया है कि राहुल गांधी के विदेश में दिए गए बयानों को लेकर सदन में सरकार की ओर से प्रायोजित व्यवधान वायनाड सांसद की छवि खराब करने के लिए है, जो कि बीजेपी की एक सोची-समझी साजिश है.
अधीर रंजन ने पत्र में कहा है कि विराम के बाद 13 मार्च को संसद फिर से शुरू हुई, तब से सदन में सरकार की ओर से प्रायोजित व्यवधान देखकर उन्हे बेहद निराशा हुई है. उन्होंने लिखा कि उनके लिए यह देखना ज्यादा हैरान करने वाला है कि मंत्री भी बढ़-चढ़कर कार्यवाही को बाधित करने के लिए आगे आते हैं.
कांग्रेस-बीजेपी में तकरार
बता दें कि संसद के बजट सत्र का दूसरा चरण 13 मार्च को शुरू हुआ था जोकि 6 अप्रैल चक चलेगा लेकिन शुरुआती तीन दिन की कार्यवाही हंगामे के चलते नहीं हो सकी. बीजेपी और सत्तापक्ष की ओर से मांग की गई कि राहुल गांधी अपने बयानों को लेकर माफी मांगें, वहीं विपक्ष इस बात पर अड़ा है कि अडानी मामले पर एक जेपीसी (संयुक्त संसदीय समिति) का गठन करके जांच की जानी चाहिए.
उल्लेखनीय है कि बुधवार (15 मार्च) को ही बीजेपी सांसद निशिकांत दुबे की ओर से भी लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को एक पत्र लिखा गया है, जिसमें उन्होंने राहुल गांधी की संसद सदस्यता खत्म करने की मांग की है.
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