TMC Vs Congress in West Bengal: पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और तृणमूल कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति परवान पर है. विपक्षी 'इंडिया गठबंधन' के दोनों सहयोगी दलों के नेताओं में हर रोज किसी न किसी मुद्दे पर तीखी बयानबाजी हो रही है. पश्चिम बंगाल कांग्रेस के अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने शुक्रवार (26 जनवरी) को राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' से जुड़ी 'पब्लिक मीटिंग्स' को प्रदेश में इजाजत नहीं मिलने के मसले पर टीएमसी पर हमला बोला है.
दरअसल, विपक्षी गठबंधन इंडिया के सहयोगी दल कांग्रेस और टीएमसी के बीच पश्चिम बंगाल में सीट शेयरिंग के मामले पर आम सहमति नहीं बन पाई है. इस मामले पर दोनों के बीच लोकसभा चुनाव में सीटों के बंटवारे की वार्ता फेल हो गई है. टीएमसी सभी 42 सीटों पर चुनाव लड़ने का ऐलान कर चुकी है. इसके बाद कांग्रेस-टीएमसी नेता सीट शेयरिंग डील फेल होने के मामले पर एक दूसरे पर आरोप लगा रहे हैं.
'सार्वजनिक बैठक आयोजन की नहीं दी जा रही इजाजत'
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी ने अब आरोप लगाया है कि तृणमूल कांग्रेस सरकार उनकी पार्टी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' की बैठकों के लिए प्रशासनिक अनुमति नहीं दे रही है. प्रदेश अध्यक्ष चौधरी का आरोप है कि कई जगहों पर उनके नेता (राहुल गांधी) की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को लेकर की जाने वाली सार्वजनिक बैठकों को आयोजित करने की इजाजत प्रशासन नहीं दे रहा है जिससे उनको समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. इसके पीछे प्रशासन परीक्षाओं का हवाला दे रहा है.
अधीर रंजन का कहना है कि इसी तरह की समस्याएं 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' निकालने के लिए असम समेत पूर्वोत्तर के दूसरे राज्यों में उठानी पड़ी हैं. अब टीएमसी के नेतृत्व वाले पश्चिम बंगाल में भी ऐसी ही दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
'टीएमसी सरकार प्रशासन का अनुमति देने से इनकार'
कांग्रेस नेता ने कहा कि उनको उम्मीद थी कि पश्चिम बंगाल में राहुल गांधी की 'भारत जोड़ो न्याय यात्रा' को लेकर किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होगी. पश्चिम बंगाल में उनको कुछ जगहों पर इसको लेकर रियायत मिलेगी, लेकिन टीएमसी सरकार में प्रशासन की ओर से भी इसकी अनुमति देने से इनकार किया जा रहा है.
'स्कूलों में बोर्ड परीक्षाएं होने की वजह से लिया होगा निर्णय'
कांग्रेस अध्यक्ष के आरोपों और दावों पर तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद शांतनु सेन ने भी प्रतिक्रिया जाहिर की है. सांसद सेन का कहना है कि राज्य का प्रशासनिक सिस्टम राजनीतिक प्रभावों से फ्री है. उस पर किसी प्रकार का कोई राजनीतिक दवाब नहीं है. इस तरह का निर्णय प्रशासन की ओर से शायद स्कूलों में बोर्ड की परीक्षाएं होने की वजह से लिया होगा. दूसरे सभी विपक्षी दलों को राज्य में कार्यक्रम करने को लेकर किसी प्रकार की कोई परेशानी नहीं होती है.
टीएमसी सांसद शांतनु सेन ने पश्चिम बंगाल में कांग्रेस के साथ खींचतान पर भी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने इसके लिए प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अधीर रंजन चौधरी को जिम्मेदार ठहराया है.
'ममता बनर्जी को छोटा साबित करने को करते हैं प्रेस कॉन्फ्रेंस'
टीएमसी सांसद डेरेक ओ'ब्रायन ने भी गुरुवार (25 जनवरी) को टीएमसी के अकेले लोकसभा चुनाव लड़ने के पीछे कांग्रेस नेता अधीर रंजन को जिम्मेदार ठहराया था. उन्होंने यह भी आरोप लगाया था कि वो (पश्चिम बंगाल कांग्रेस अध्यक्ष) बीजेपी की भाषा बोलते हैं और टीएमसी सुप्रीमो ममता बनर्जी को छोटा साबित करने के लिए लगातार प्रेस कॉन्फ्रेंस भी करते हैं.
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