Adhir Ranjan Chowdhury Suspension: संसद में विपक्ष की तरफ से लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के तीसरे और आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भाषण दिया, जिसमें उन्होंने मणिपुर जातीय हिंसा समेत तमाम मुद्दों का जिक्र किया. अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के बाद पीएम मोदी का भाषण तो चर्चा की विषय बना ही हुआ है, इसके अलावा लोकसभा में नेता विपक्ष अधीर रंजन चौधरी का निलंबन और चुनाव आयुक्तों की नियुक्ति प्रक्रिया से चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को बाहर रखे जाने वाले बिल को लेकर भी खूब बहस है. इन तमाम मुद्दों पर अब नेताओं के अलग-अलग बयान सामने आ रहे हैं. 


फारूक अब्दुल्ला ने जताया अफसोस
अधीर रंजन चौधरी को सदन के आखिरी दिन के लिए सस्पेंड करने पर जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री और नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि मुझे अफसोस है कि उन्होंने एक अच्छे सदस्य को आखिरी दिन के लिए सस्पेंड किया. इस दौरान उनसे प्रधानमंत्री के भाषण को लेकर भी सवाल किया गया, हालांकि वो बिना कोई साफ जवाब दिए ही आगे बढ़ गए. 


कांग्रेस सांसद ने हाईकोर्ट जाने की कही बात
कांग्रेस सांसद मनीष तिवारी ने अधीर रंजन चौधरी के निलंबन पर कहा, संविधान की धारा 105ए के तहत हर सांसद को ये संवैधानिक हक है कि वो अपनी बात सदन के पटल पर बेबाकी से रख सके. अगर बहुमत का दुरुपयोग करते हुए किसी भी सांसद को इस तरह से निष्काषित किया जाए तो ये लोकतंत्र के लिए बहुत दुर्भाग्यपूर्ण बात है, ये हाईकोर्ट जाने के लिए फिट केस है. 


मनोज झा बोले- सदन में चूक गए पीएम 
आरजेडी सांसद मनोज झा ने भी प्रधानमंत्री के भाषण पर टिप्पणी की. उन्होंने कहा, सीधी सी बात है कि प्रधानमंत्री जी से जिस तरह की शांति की अपील की अपेक्षा थी, वो नहीं कर पाए. करीब पौने दो घंटे बाद मणिपुर की बारी आई, करीब ढाई से तीन मिनट इस पर बोले. इससे पहले 30 सेकेंड संसद के बाहर किया था. आपने चुटकुले सुनाए, तंज सके... लेकिन कल का दिन वो नहीं था, एक मानवता के खिलाफ अपराध हुआ है. आप कल चूक गए, मणिपुर के लोग कल काफी निराश हुए. 


एनसीपी सांसद ने उठाए करनी और कथनी पर सवाल
एनसीपी की सांसद फौजिया खान ने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण को लेकर कहा कि उनकी कथनी और करनी में फर्क नजर आता है. क्योंकि जितनी एफआईआर हुई है, उतनी गिरफ्तारियां नहीं हुई हैं. 6 हजार से ऊपर एफआईआर हैं. इसी की तुलना करें तो दिखेगा कि एक्शन नहीं है, जिस तरह से होना चाहिए. जब तक प्रधानमंत्री को दिल से नहीं लगे कि इस पर मुझे इस पर नियंत्रण करना है, जिस दिन वो ये दिल से चाहेंगे उस दिन ये हो जाएगा. उन्हें वहां जाकर लोगों के साथ बैठक और बातचीत करनी चाहिए, तब हम मान सकते हैं कि वो जो कह रहे हैं वो सच है.


सरकार के मंत्रियों ने किया बचाव
संसदीय कार्यमंत्री प्रह्लाद जोशी से जब अधीर रंजन चौधरी के सस्पेंशन को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा, हमने उसी वक्त उनसे माफी मांगने और कम से कम खेद प्रकट करने के लिए कहा था, लेकिन उन्होंने ऐसा नहीं किया. इसके अलावा ये सत्ता पक्ष के नेताओं के भाषण को डिस्टर्ब करते हैं. ये लोग बिना नोटिस दिए हुए गलत आरोप लगाते हैं, सस्पेंशन का फैसला स्पीकर को लेना होता है. 


संसद के बाहर बीजेपी के सांसद तेजस्वी सूर्या ने अविश्वास प्रस्ताव को लेकर कहा कि विपक्ष के प्रति अविश्वास जनता ने 2014 में भी प्रकट किया था, 2019 में और बड़े ध्वनि से प्रकट किया था और कल संसद में ये अविश्वास प्रस्ताव गिर चुका है. आने वाले लोकसभा चुनाव में भी इसी तरह इससे ज्यादा अविश्वास के साथ विपक्ष गिरता जाएगा. 


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