(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Adtiya L1 Mission: आदित्य एल-1 मिशन ने पृथ्वी का लगाया चौथा चक्कर, सूरज की तरफ बढ़ाया एक और कदम
ISRO Sun Mission: अंतरिक्ष में चक्कर लगा रहा आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट धीरे-धीरे सूर्य की ओर बढ़ रहा है. इस मिशन के जरिए सूर्य की निगरानी की जाएगी.
ISRO Aditya L1: भारत के पहले सूर्य मिशन के तहत अंतरिक्ष में भेजे गए आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट ने चौथे 'अर्थ बाउंड मैन्यूवर' को सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. भारतीय स्पेस एजेंसी 'इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन' (ISRO) ने एक ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी है. आसान भाषा में कहें तो 'अर्थ बाउंड मैन्यूवर' का मतलब पृथ्वी का चक्कर लगाते हुए उसके गुरुत्वाकर्षण बल के जरिए स्पेस में सफर के लिए स्पीड पैदा करना है.
सूरज की स्टडी करने के लिए अंतरिक्ष में भेजा गया आदित्य एल-1 भारत की पहली स्पेस ऑब्जर्वेटरी है. सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैग्रेंज प्वाइंट मौजूद हैं. लैग्रेंज प्वाइंट उस जगह को कहा जाता है, जहां से सूर्य को बिना किसी ग्रहण या अवरोध के देखा जा सकता है. आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट को लैग्रेंज प्वाइंट 1 पर भेजा जा रहा है. पृथ्वी से लैग्रेंज प्वाइंट 1 की दूरी 15 लाख किलोमीटर है, जबकि सूर्य से पृथ्वी की दूरी 15 करोड़ किलोमीटर है.
इसरो ने क्या बताया?
ISRO ने ट्वीट किया, 'चौथा अर्थ बाउंड मैन्यूवर (EBN#4)' सफल रहा है. इसरो के मॉरीशस, बेंगलुरू, श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर और पोर्ट ब्लेयर के ग्राउंड स्टेशन के जरिए ऑपरेशन के दौरान सैटेलाइट को ट्रैक किया गया. आदित्य एल-1 के लिए फिजी द्वीप पर मौजूद ट्रांसपोर्टेबल टर्मिनल पोस्ट-बर्न ऑपरेशन में स्पेसक्राफ्ट की मदद करेगा. आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट 256 km x 121973 km दूर मौजूद है. भारतीय स्पेस एजेंसी ने बताया है कि अगला मैन्यूवर ट्रांस-लैग्रेंजियन प्वाइंट 1 इंसर्शन (TL1I) 19 सितंबर को रात दो बजे किया जाएगा.
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) September 14, 2023
The fourth Earth-bound maneuvre (EBN#4) is performed successfully.
ISRO's ground stations at Mauritius, Bengaluru, SDSC-SHAR and Port Blair tracked the satellite during this operation, while a transportable terminal currently stationed in the Fiji islands for… pic.twitter.com/cPfsF5GIk5
लैग्रेंज प्वाइंट पहुंचने में लगेंगे 110 दिन
आदित्य एल-1 स्पेसक्राफ्ट के पहले, दूसरे और तीसरे अर्थ बाउंड मैन्यूवर को 3, 5 और 10 सितंबर को सफलतापूर्वक पूरा किया गया. इसरो का स्पेसक्राफ्ट पृथ्वी के चारों ओर 16 दिनों तक चक्कर लगाने वाला है. इस दौरान मैन्यूवर के जरिए आगे के सफर के लिए जरूरी गति हासिल की जाएगी. पांचवें अर्थ बाउंड मैन्यूवर के सफलतापूर्वक पूरा होने के बाद आदित्य एल-1 लैग्रेंज प्वाइंट तक के अपने 110 दिनों के सफर के लिए रवाना हो जाएगा.
इसरो ने बताया है कि स्पेसक्राफ्ट के जरिए सूर्य की गतिविधियों पर नजर रखने में मदद मिलेगी. आदित्य एल-1 के साथ कई तरह से डिवाइस भेजे गए हैं, जिनके जरिए सूर्य की स्टडी की जाएगी. सूर्य से निकलने वाली सोलर फ्लेयर्स, कोरोनल मास इजेक्शन जैसी चीजों पर नजर रखना बेहद जरूरी होता है.
यह भी पढ़ें: L1 प्वाइंट क्या है, जहां इसरो भेज रहा अपना अगला मिशन आदित्य एल-1?