Aditya-L1 Mission: आदित्य-एल1 के पेलोड HEL1OS ने सौर सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई एनर्जी एक्सरे झलक की कैद
Aditya-L1 Mission Update: भारत के सौर मिशन आदित्य एल1 के एक पेलोड HEL1OS ने सोलर फ्लेयर्स की पहली हाई एनर्जी झलक कैद की है.
Aditya-L1 Payload HEL1OS: भारत के सौर मिशन आदित्य-एल1 को अपनी यात्रा में एक और उपलब्धि मिली है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने मंगलवार (7 नवंबर) को बताया कि आदित्य एल1 के पेलोड HEL1OS ने सौर ज्वालाओं की पहली हाई एनर्जी एक्सरे झलक कैद की है.
इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर बताया, ''29 अक्टूबर, 2023 को लगभग 12:00 से 22:00 यूटी तक अपने पहले ऑब्जर्वेशन पीरियड के दौरान आदित्य-एल1 बोर्ड पर हाई एनर्जी एल1 ऑर्बिटिंग एक्स-रे स्पेक्ट्रोमीटर (एचईएल1ओएस) ने सौर ज्वालाओं के आवेगपूर्ण चरण को रिकॉर्ड किया है.''
इसरो ने कहा, ''रिकॉर्ड किया गया डेटा NOAA (नेशनल ओसियन एंड एटमॉस्फेरिक एडमिनिस्ट्रेशन) के GOES (जियोस्टेशनरी ऑपरेशनल एनवायरनमेंटल सैटेलाइट) की ओर से प्रदान किए गए एक्स-रे प्रकाश वक्रों (X-ray Light Curves) के अनुरूप है.''
Aditya-L1 Mission:
— ISRO (@isro) November 7, 2023
HEL1OS captures first High-Energy X-ray glimpse of Solar Flares
🔸During its first observation period from approximately 12:00 to 22:00 UT on October 29, 2023, the High Energy L1 Orbiting X-ray Spectrometer (HEL1OS) on board Aditya-L1 has recorded the… pic.twitter.com/X6R9zhdwM5
आदित्य एल1 में HEL1OS क्या कर रहा है?
इसरो ने बताया कि 27 अक्टूबर 2023 को कमीशन किया गया HEL1OS वर्तमान में थ्रेसहोल्ड और कैलिब्रेशन ऑपरेशंस की फाइन-ट्यूनिंग से गुजर रहा है. यह उपकरण तेज टाइमिंग और हाई-रिजॉल्यूशन स्पेक्ट्रा के साथ सूर्य की हाई-एनर्जी एक्स-रे गतिविधि की निगरानी करने के लिए सेट किया गया है.
इसरो ने कहा, ''HEL1OS की ओर से उपलब्ध कराया गया डेटा शोधकर्ताओं को रिलीज होने वाली विस्फोटक ऊर्जा और सौर ज्वालाओं के आवेगपूर्ण चरणों के दौरान इलेक्ट्रॉन एक्सीलरेशन का अध्ययन करने में सक्षम बनाता है.''
कब तक मंजिल पर पहुंचेगा आदित्य-एल1?
HEL1OS को इसरो के बेंगलुरु स्थित यूआर राव सैटेलाइट सेंटर के स्पेस एस्ट्रोनॉमी ग्रुप ने विकसित किया था. बता दें कि आदित्य-एल1 को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से 2 सितंबर को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (पीएसएलवी-सी57) के जरिए लॉन्च किया गया था. लॉन्च किए जाने की तारीख से लगभग चार महीने में इसके एल1 (लैग्रेंज प्वाइंट 1) पर पहुंचने की उम्मीद है.
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