(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Aditya L1 Mission: अपनी मंजिल पर पहुंचने वाला है आदित्य एल1, क्या है इसरो का अपडेट?
ISRO Chief On Aditya L1 Mission: भारत के पहले सूर्य मिशन आदित्य एल1 को 2 सितंबर को लॉन्च किया गया था. इसरो प्रमुख ने इस मिशन के इसकी मंजिल पर पहुंचने की तारीख बताई है.
S Somanath On Aditya L1 Mission: भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) के प्रमुख एस सोमनाथ के मुताबिक, भारत का पहला सूर्य मिशन 'आदित्य एल1' 6 जनवरी को अपने गंतव्य लैग्रेंजियन पॉइंट (एल1) पर पहुंचेगा. यह पृथ्वी से 1.5 मिलियन (15 लाख) किलोमीटर दूर स्थित है. आदित्य एल1 को 2 सितंबर को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर से पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C57) से लॉन्च किया गया था.
विज्ञान को लोकप्रिय बनाने के लिए काम करने वाले एनजीओ विज्ञान भारती की ओर से आयोजित भारतीय विज्ञान सम्मेलन के मौके पर सोमनाथ ने शुक्रवार (22 दिसंबर) को अहमदाबाद में मीडियाकर्मियों से कहा था कि आदित्य-एल1 6 जनवरी को एल1 बिंदु में प्रवेश करेगा. यही अपेक्षित है. इसका सटीक समय उचित समय पर घोषित किया जाएगा.
कब तक एल1 पर रहेगा मिशन?
न्यूज एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, इसरो प्रमुख ने कहा था, ''जब यह एल1 प्वाइंट पर पहुंचेगा, हमें इंजन को एक बार फिर से चालू करना होगा ताकि यह आगे न बढ़ें. यह उस बिंदु तक जाएगा और एक बार जब यह उस पर पहुंच जाएगा तो उसके चारों ओर घूमेगा और L1 पर रह जाएगा.''
'भारत ही नहीं, पूरी दुनिया के लिए महत्वपूर्ण होगा डेटा'
इसरो प्रमुख ने कहा, ''आदित्य एल1 मिशन एक बार अपने गंतव्य पर स्थापित हो जाएगा तो अगले पांच वर्षों तक सूर्य पर होने वाली भिविन्न घटनाओं को मापने में मदद करेगा. एक बार जब इसे सफलतापूर्वक स्थापित कर दिया जाएगा तो यह अगले पांच वर्षों तक वहां रहेगा और सभी डेटा इकट्ठा करेगा जो अकेले भारत के लिए नहीं, बल्कि पूरी दुनिया के लिए बहुत महत्वपूर्ण होगा. सूर्य की गतिशीलता और यह हमारे जीवन को कैसे प्रभावित करता है, इसे समझने के लिए डेटा बहुत उपयोगी होगा.''
भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की भी है योजना
इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने कहा कि भारत कैसे तकनीकी रूप से शक्तिशाली देश बनने जा रहा है, यह बहुत महत्वपूर्ण है. सोमनाथ ने कहा, ''इसरो ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के निर्देशानुसार 'अमृत काल' के दौरान एक अंतरिक्ष स्टेशन बनाने की योजना बनाई है, जिसे 'भारतीय अंतरिक्ष स्टेशन' कहा जाएगा.''
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