Aditya-L1 Mission Launch: चांद के दक्षिणी ध्रुव पर सफल सॉफ्ट लैंडिंग के कुछ दिन बाद भारत शनिवार (2 सितंबर) को अपने पहले सूर्य मिशन 'आदित्य एल1' को लॉन्च करने के लिए तैयार है. इसरो (ISRO) ने बताया है कि आदित्य-एल1 मिशन रॉकेट पीएसएलवी के जरिए लॉन्च किया जाएगा.
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शुक्रवार (1 सितंबर) को कहा कि आदित्य-एल1 मिशन को शनिवार को सुबह 11.50 बजे आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में स्थित अंतरिक्ष केंद्र के दूसरे लॉन्च पैड से प्रक्षेपित किया जाएगा. आदित्य-एल1 को सूर्य के अध्ययन के लिए पृथ्वी से 15 लाख किलोमीटर दूर लैग्रेंजियन-1 बिंदु तक पहुंचने में 125 दिन लगेंगे.
कहां देख सकते हैं आदित्य-एल1 मिशन की लॉन्चिंग
आदित्य-एल1 मिशन का लाइव टेलीकास्ट भी किया जाएगा. इसे आप इसरो की वेबसाइट पर देख सकते हैं. इसरो के फेसबुक पेज, यूट्यूब चैनल, डीडी नेशनल टीवी चैनल पर सुबह 11:20 बजे से इसका सीधा प्रसारण देख सकते हैं. एबीपी न्यूज़ के भी अलग-अलग प्लेटफॉर्म पर लाइव टेलीकास्ट देखा जा सकता है.
एक क्लिक में देख सकते हैं लाइव लॉन्चिंग
लाइव टीवी: https://news.abplive.
एबीपी लाइव (इंग्लिश): https://news.
एबीपी न्यूज (हिंदी): https://www.abplive.
एबीपी नेटवर्क यूट्यूब: https://www.youtube.
आप हमारे सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भी लाइव स्ट्रीम देख सकते हैं.
एबीपी इंग्लिश फेसबुक: facebook.com/abplive
एबीपी हिंदी फेसबुक: facebook.com/abpnews
एबीपी लाइव ट्विटर: https://twitter.com/
एबीपी न्यूज़ इंस्टाग्राम: https://www.
एबीपी लाइव इंस्टाग्राम: https://www.
क्या है इस मिशन का मकसद?
इस मिशन के जरिए सूर्य की गतिविधियों को समझा जाएगा. न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के अनुसार, इसरो ने कहा कि सूर्य और पृथ्वी के बीच पांच लैग्रेंजियन बिंदु हैं और होलो ऑर्बिट में एल1 बिंदु से उपग्रह सूर्य को बिना किसी बाधा और बिना किसी ग्रहण के लगातार देखकर अध्ययन किया जा सकता है.
इससे सौर गतिविधियों को लगातार देखने का ज्यादा लाभ मिलेगा. इसरो ने कहा कि सूर्य का अध्ययन करके आकाशगंगा के साथ-साथ अन्य आकाशगंगाओं के तारों के बारे में भी बहुत कुछ सीखा जा सकता है.
इसरो चीफ ने मंदिर में की पूजा
इस मिशन की सफलता के लिए लॉन्चिंग से पहले इसरो चीफ एस सोमनाथ शुक्रवार को सुलुरुपेटा में श्री चेंगलम्मा परमेश्वरी मंदिर गए और पूजा-अर्चना की. बता दें कि, बीती 23 अगस्त इसरो के चंद्रयान-3 मिशन ने इतिहास रचते हुए चांद के साउथ पोल पर सफल लैंडिंग की थी. इसी के साथ चांद के इस हिस्से पर पहुंचने वाला भारत पहला देश बना.
ये भी पढ़ें-
I.N.D.I.A Meeting: मुंबई की बैठक में राहुल गांधी से नाराज हुईं ममता बनर्जी? टीएमसी ने दिया ये जवाब