Aditya-L1 Mission Launch: सोलर मिशन आदित्य-एल1 को शनिवार (2 सितंबर, 2023) को सफलतापूर्वक लॉन्च कर दिया गया. मिशन की सफलता के लिए महिला साइंटिस्ट निगार शाजी और अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम की काफी चर्चा है. दोनों महिला वैज्ञानिकों ने मिशन में बेहद अहम रोल निभाया है.


हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक, निगार शाजी मिशन की निदेशक हैं और उनके नेतृत्व में ही इस महत्वकांशी सोलर मिशन को लॉन्च किया गया. उन्होंने मिशन की लॉन्च गतिविधियों का नेतृत्व किया. वहीं, मिशन के उपकरणों को डिजाइन करने में शामिल अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने यह सुनिश्चित किया कि सूर्य के अध्ययन करने का भारत का पहला मिशन सुचारू रूप से काम करे. आइए इसरो की इन महिला वैज्ञानिकों के बारे में जानते हैं-


निगार शाजी
निगार शाजी ने आदित्य-एल1 मिशन की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग पर कहा कि सपना पूरा हुआ. निगार शाजी मिशन का हिस्सा हैं और इस सोलर मिशन को लेकर वह काफी चर्चाओं में हैं.  निगार शाजी तमिलनाडु के तेनकाशी जिले के एक किसान परिवार से हैं. निगार शाजी ने कहा, 'यह सब एक सपना सच होने जैसा है. मैं बहुत खुश हूं कि PSLV (पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल) के जरिए आदित्य एल-1 को सफलातूपर्वक लक्षित ऑर्बिट में पहुंचाया जा सका. एक बार आदित्य एल-1 अपना काम करना शुरू कर देगा तो यह देश और पूरी दुनिया की वैज्ञानिक बिरादरी के लिए एक संपत्ति होगी.'


निगार शाजी इसरो में भारतीय रिमोट सेंसिंग, संचार और अंतर ग्रहीय उपग्रह कार्यक्रम में विभिन्न जिम्मेदारियां निभा रही हैं. उन्होंने तिरुनेवेली गवर्मेंट इंजीनियरिंग कॉलेज से इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन में इंजीनियरिंग करने के बाद इसी स्ट्रीम में रांची के बिरला इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी में मास्टर्स की. इसके बाद वह 1987 में सतीश धवन स्पेस सेंटर सो जुड़ीं और फिर यूआर राव सैटेलाइट सेंटर का हिस्सा बनीं.


निगार शाजी ने इसरो के रिमोट सेंसिंग प्रोग्राम में भी अहम भूमिका निभाई है. उन्होंने रिसोर्ससेट-2ए में एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर के तौर पर काम किया. रिसोर्ससेट-2ए, इंडियन रिमोट सेंसिंग सैटेलाइट फोर नेशनल रिसोर्स मॉनिटरिंग एंड मैनेजमेंट है.


अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम
आदित्य एल-1 में अहम रोल निभाने वाली एक और महिला साइंटिस्ट अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम केरल के पल्लकड़ जिले की रहने वाली हैं और संगीतकारों के परिवार से ताल्लुक रखती हैं. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग के तहत एक स्वायत्त संस्थान में भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान की निदेशक हैं. इस संस्थान ने आदित्य-एल 1 अंतरिक्ष यान पर प्राथमिक उपकरण विकसित किया है. 


अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने आईआईए से अपनी पीएचडी पूरी की और वह स्टार क्लस्टर, स्टार संरचनाओं, गैलेक्टिक संरचनाओं, मैगेलैनिक क्लाउड्स और स्टेलर पॉप्यूलेशन के क्षेत्र में विशेषज्ञ हैं. आदित्य एल-1 की सफलतापूर्वक लॉन्चिंग पर अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने कहा कि उन्होंने आदित्य एल-1 को ले जाने के लिए प्राथमिक उपकरण डिजाइन किया. अन्नपूर्णी सुब्रमण्यम ने कहा, 'यह (VELC) एक कोरोनोग्राफ है, जो पूरा टाइम सूरज को पूर्ण सूर्य ग्रहण में देखेगा. यह मिशन पहली बार हमें सूरज के सबसे अंदर के हिस्सों को देखने में मदद करेगा.'


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) ने शनिवार को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोट में सतीश धवन स्पेस सेंटर से सुबह 11 बजकर 50 मिनट पर सोलर मिशन आदित्य एल-1 को लॉन्च किया. इसरो के मुताबिक, आदित्य-एल1 सूर्य का अध्ययन करने वाली पहली अंतरिक्ष-आधारित सोलर ऑबजर्वेटरी है. अंतरिक्ष यान 125 दिन में पृथ्वी से लगभग 15 लाख किलोमीटर की यात्रा करने के बाद लैग्रेंजियन बिंदु  एल1 के आसपास एक प्रभामंडल कक्षा में स्थापित होगा. यह वहीं से सूर्य पर होने वाली घटनाओं का अध्ययन करेगा.


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