Aditya-L1 Mission Launch: चंद्रयान-3 की सफलता के बाद भारत सूर्य के रहस्यों की जानकारी जुटाने की तरफ आगे बढ़ रहा है. इस मिशन के तहत आदित्य एल-1 धरती से 15 लाख किमी दूर सूर्य की ओर जाएगा. आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लांच होने के बाद इसे अंतरिक्ष में L1 प्वाइंट पर पहुंचना है. यहां से यह सूर्य के आसपास होने वाली घटनाओं के बारे में बताएगा. L1 प्वाइंट से सूर्य की दूरी 14 करोड़ 85 लाख किमी है.


L1 प्वाइंट तक कैसे पहुंचेगा


पहले फेज में आदित्य एल-1 को पोलर सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (PSLV-C57) से लॉन्च किया जाएगा. इसरो इसे धरती की निचली कक्षा में स्थापित करेगा. इसके बाद कुछ मैन्यूवर के जरिए आदित्य एल 1 के ऑर्बिट को बढ़ाया जाएगा. जिसके बाद एल-1 की तरफ बढ़ते हुए यह पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण से बाहर निकल जाएगा. गुरुत्वाकर्षण क्षेत्र से बाहर निकलने के बाद इसका क्रूज स्टेप शुरू होगा.


इसके बाद इसे एल-1 के चारों ओर एक बड़ी हैलो ऑर्बिट में स्थापित किया जाएगा. इसरो के मुताबिक सूर्य के सबसे बाहरी परतों की जानकारी जुटाने के लिए आदित्य एल-1 पर 7 पैलोड लगे हुए हैं. जिसमें से 4 पेलोड सूर्य के आसपास की जानकारी जुटाएंगाे तो वहीं बाकी के तीन पेलोड एल-1 प्वाइंट के आसपास रिसर्च करेंगे.


कितना समय लगेगा


सूर्य धरती से लगभग 15 करोड़ किमी दूर है. दोनों के बीच लैग्रेंज प्वाइंट ही वो जगह है जहां से बिना किसी रुकावट के सीधे सूर्य को देखा जा सकता है. इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने एनएनआई को बताया था कि इसे एल-1 प्वाइंट तक पहुंचने में 120 दिन यानी 4 महीने के वक्त लगेगा. साथ ही उन्होंने अंतरिक्ष यान में लग थ्रसटर्स को बीच-बीच में चलाने की बात कही थी जिससे यान की रफ्तार बढ़ सके. एल-1 प्वाइंट पृथ्वी और सूर्य के बीच एक सीधी रेखा के बीच स्थित है. इसरो के मुताबिक इस मिशन पर कुल 400 करोड़ रुपये खर्च होंगे.


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