(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Aditya L1 Mission: आदित्य-एल1 ने सूरज की ओर बढ़ाया पहला कदम, नए ऑर्बिट में पहुंचा, ISRO ने दिया सूर्ययान का लेटेस्ट अपडेट
ISRO Solar Mission: आदित्य-एल1 भारत का पहला सूर्य मिशन है, जिसे 15 लाख किलोमीटर दूर सूर्य-पृथ्वी के एल1 बिंदु पर स्थापित किया जाना है. ये सूर्य के कोरोना का अध्ययन करेगा.
Aditya L1 Solar Mission: भारत के सूर्ययान आदित्य-एल1 ने पृथ्वी का पहला चक्कर सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है. भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने रविवार (3 सितंबर) को ये जानकारी दी है. अंतरिक्ष यान अब नए ऑर्बिट में पहुंच गया है.
इसरो ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर स्पेसक्राफ्ट के बारे में जानकारी देते हुए बताया, सैटेलाइट स्वस्थ है और अच्छे से काम कर रहा है. इसरो ने बताया कि सैटेलाइट ने अर्थ बाउंड मैन्यूवर पूरा कर लिया है यानी कि पृथ्वी का पहला चक्कर लगा लिया है. अब इसने नए ऑर्बिट को हासिल कर लिया है.
इसरो के बयान का सीधा मतलब है कि अब आदित्य-एल1 पिछली कक्षा से ऊपर पहुंच गया है. नया ऑर्बिट 245 किमी x 22459 किमी है. इसे आसान भाषा में यूं समझिए कि नए ऑर्बिट में पृथ्वी का निकटतम बिंदु 245 किलोमीटर होगा, जबकि अधिकतम दूरी पर स्थित बिंदु 22,459 किमी होगा. इससे पहले के ऑर्बिट में पृथ्वी का निकटतम बिंदु 235 किमी और अधिकतम बिंदु 19000 किमी था.
शनिवार को किया गया था लॉन्च
भारत का पहला सूर्य मिशन शनिवार (2 सितंबर) को आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा से लॉन्च किया गया था. इसरो के पीएसएलवी-सी57 रॉकेट ने यान को सफलतापूर्वक पृथ्वी की कक्षा में स्थापित किया था. अब यह धीरे-धीरे चक्कर लगाते हुए पृथ्वी की कक्षा से बाहर निकलेगा और सूर्य की तरफ रवाना होगा.
125 दिनों में पूरा होगा सफर
इसरो के मुताबिक, सूर्य के करीब एल1 बिंदु तक पहुंचने के लिए 15 लाख किलोमीटर का सफर पूरा करने में आदित्य-एल1 को 125 दिन लगेंगे. एल1 सूर्य-पृथ्वी प्रणाली के बीच एक बिंदु है, जहां पर सूर्य और पृथ्वी के गुरुत्वाकर्षण एक दूसरे को बेअसर कर देते हैं. इस स्थान पर किसी वस्तु को पहुंचा दिया जाए तो वहां पर स्थिर रहती है.
इस बिंदु की दूसरी खासियत है कि यहां से सूर्य के कोरोना (बाहरी परत) को सीधे देखा जा सकता है. धरती से इसे केवल टेलिस्कोप के जरिए सिर्फ सूर्यग्रहण के दिनों में ही देखा जा जकता है. एल1 प्वाइंट से आदित्य-एल1 ग्राउंड स्टेशन से भी संपर्क बना रहेगा.
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