मुंबई: महाराष्ट्र सरकार में सहयोगी शिवसेना गोरेगांव की आरे कॉलोनी में पेड़ काटने को लेकर लगातार विरोध कर रही है. इस बीच पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रहे आदित्य ठाकरे का बड़ा बयान सामने आया है. आदित्य ठाकरे ने कहा कि आरे में पेड़ काटने वाले अधिकारियों को सत्ता में आते ही PoK भेज देंगे. बता दें कि आज पुलिस ने इलाके में धारा 144 लागू कर दी, जिसके बाद प्रदर्शन कर रहे करीब 100 से ज्यादा लोगों को हिरासत में लिया गया. इसमें शिवसेना की उपनेता प्रियंका चतुर्वेदी भी शामिल थीं.
क्या बोले आदित्य ठाकरे?
पेड़ कटाई का विरोध कर रहे आदित्य ठाकरे ने कहा, ''चोरों की तरह आरे की जमीन पर पेड़ काटने वाले अधिकारियों को हम सत्ता पर आते ही पीओके में भेज देंगे. मासूम पर्यावरण वादी लोगों को जेल में डाला जा रहा है फिर क्यों हम प्लास्टिक बंदी और पर्यावरण बचाने जैसे खोखली बातें दुनिया के सामने करते हैं.''
उन्होंने कहा, ''शिवसेना भले ही सत्ता में है पर आरे कारशेड को हमारा विरोध है आगे भी जारी रहेगा. हमारा अन्य मुद्दों पर भी बीजेपी के साथ विरोध रहा है. ये लड़ाई न बीजेपी के खिलाफ शिवसेना या सीएम फडणवीस के खिलाफ बल्कि ये मुंबई की आम जनता की बात है.''
धारा 144 लगाकर पेड़ों की कटाई जारी, प्रियंका चतुर्वेदी समेत 100 कार्यकर्ता हिरासत में
पुलिस ने आज सुबह आरे कॉलोनी इलाके में धारा 144 लगा दी. इसका विरोध करने पर शिवसेना की नेता प्रियंका चतुर्वेदी समेत 100 कार्यकर्ताओं को हिरासत में लिया गया है. प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, ''जो फैसला आया है, हम उसके खिलाफ हैं. दूसरे भी ऑप्शन थे पर उसे नजरंदाज कर दिया गया. लोगों से बात भी नहीं की गई. इससे बहुत गलत संदेश गया है.'' उन्होंने कहा, ''चुनाव सिर पर हैं. क्या इस मुद्दे को लेकर शिवसेना और बीजेपी के बीच में टकराव नहीं होगा? ये मुंबईकरो का मुद्दा है. बीजेपी या शिवसेना नहीं.''
केंद्र सरकार का इस पूरे मामले पर क्या कहना है?
पूरे विवाद के बीच केंद्रीय पर्यावरण मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पेट काटने के फैसले का समर्थन किया है. जावड़ेकर ने कहा कि हाई कोर्ट ने माना है कि 'आरे' जंगल नहीं है और जहां जंगल है, आप वहां पेड़ नहीं काट सकते हैं. पेड़ कटाई पर शिवसेना के विरोध के सवाल पर उन्होंने कहा कि ऐसा कुछ नहीं है, अगर कहीं पेड़ काटे जाते हैं तो उससे अधिक लगाये भी जाते हैं.
जावड़ेकर ने दिल्ली मेट्रो का उदाहरण देते हुए कहा, ''दिल्ली में मेट्रो आज दुनिया में सबसे अच्छी मेट्रो है. बाहर के देशों के लोग यहां आकर मेट्रो को देखते हैं कि इसका विकास कैसे हुआ. जब पहला मेट्रो स्टेशन बना तो 20-25 पेड़ गिराने की जरूरत थी, तो लोगों ने इसका विरोध किया लेकिन एक पेड़ के बदले पांच पेड़ लगाये गये और पिछले 15 साल में पेड़ बड़े हो गये हैं. वहां 271 स्टेशन बने, दिल्ली का जंगल भी बढ़ा, पेड़ भी बढ़े और दिल्ली में तीस लाख लोगों के लिये सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था हुई. मतलब यही है कि विकास भी और पर्यावरण की रक्षा भी, दोनों साथ में हुये.''
क्या है आरे जंगल कटाई का पूरा मामला?
मुंबई मेट्रो का कार शेड बनाने के लिए महाराष्ट्र सरकार ने आरे कॉलोनी के जंगल के 2702 पेड़ काटने के आदेश दे दिए हैं. भारी विरोध के बाद भी पेड़ काटने का ऑपरेशन शुरू हो गया है. कल बॉम्बे हाईकोर्ट ने पेड़ काटने के खिलाफ दायर याचिकाएं इस आधार पर खारिज कर दी कि ये मामला सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी में लंबित है. इसके बाद पेड काटने के लिए MMRCL के लोग पहुंचे गए तो आरे बचाओ मुहिम के कार्यकर्ता उनसे भिड़ गए, जमकर हाथापाई हुई. झड़प इतनी बढ़ गई कि पुलिस ने विरोध कर रहे कार्यकर्ताओं को हिरासत में ले लिया. इसके बाद भी लगाया जा रहा है कि करीब 400 पेड़ रातो रात काट दिए गए. मुंबई में पेड़ काटने को लेकर अरसे से विरोध चल रहा है.