77 फीसदी अटेंडेंस के साथ लोकसभा में जबर्दस्त रहा है योगी का परफॉर्मेंस
नई दिल्ली: यूपी के नए सीएम आदित्यनाथ योगी ने पद संभालते ही एक्शन में दिखने लगे है. सीएम ने प्रदेश की प्रशासन को साफ कर दिया है कि किसी भी तरह के उपद्रव को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. वहीं दूसरी तरफ मंगलवार को लोकसभा में अपने भाषण में योगी ने कहा कि वे उत्तर प्रदेश को उत्तम प्रदेश बनाएंगे. जहां एक तरफ यूपी की जनता को नए सीएम से काफी उम्मीदें है. वहीं लोकसभा में बतौर सांसद योगी का प्रदर्शन शानदार रहा है.
लोकसभा में योगी की उपस्थिति 77 फिसदी रही है
लोकसभा सदस्य के तौर पर संसद में उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति 77 फीसदी रही. जबकि पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह की उपस्थिति सबसे कम महज छह प्रतिशत रही.
योगी ने 284 प्रश्न पूछे हैं और 56 चर्चाओं में हिस्सा लिया है
पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के मुताबिक गोरखपुर से 44 साल के सांसद योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को भी लोकसभा की कार्यवाही में हिस्सा लिया. उन्होंने वर्तमान लोकसभा में 284 प्रश्न पूछे हैं और 56 चर्चाओं में हिस्सा लिया है. साथ ही तीन निजी सदस्य विधेयक पेश किए हैं. योगी ने हालांकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ले ली है, लेकिन लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र अभी नहीं दिया है.
1998 में 26 साल की उम्र में पहली बार संसद चुने गए योगी
आदित्यनाथ की ओर से लाये गये विधेयकों में से एक गोरखपुर में इलाहाबाद हाईकोर्ट की पीठ स्थापित करने संबंधी थी. 1998 में 26 साल की आयु में राजनीति में आए आदित्यनाथ गोरखपुर सीट पांच बार जीत चुके हैं.
लोकसभा में अमरिंदर सिंह ने पूछे हैं महज 18 सवाल
दूसरी ओर लोकसभा में कांग्रेस के उपनेता रहे पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिन्दर सिंह ने अपने कार्यकाल में कोई निजी विधेयक पेश नहीं किया. 75 वर्षीय नेता ने महज 18 सवाल पूछे हैं और चार चर्चाओं में भाग लिया है.
यूपी के उप-मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की लोकसभा में 82 फीसदी उपस्थिति
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य फूलपुर से भाजपा सांसद हैं. उनकी उपस्थिति 82 फीसदी रही है. हालांकि उन्होंने कोई निजी विधयेक पेश नहीं किया. लेकिन उन्होंने 158 सवाल पूछे हैं और 122 चर्चाओं में हिस्सा लिया है.
आदित्यनाथ और मौर्य अब लोकसभा की सदस्यता से त्यागपत्र देंगे. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री के मौजूदा पदों पर बने रहने के लिए उन्हें उत्तर प्रदेश विधानसभा या विधानपरिषद् का सदस्य निर्वाचित होना होगा. इसी तरह उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य पूर्व रक्षा मंत्री मनोहर पर्रिकर को भी गोवा विधानसभा का सदस्य निर्वाचित होना होगा.