Adivasi and Vanvasi: राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग (एनसीएसटी) के अध्यक्ष हर्ष चौहान ने कहा है कि संविधान जनजातीय लोगों के लिए ‘‘अनुसूचित जनजाति’’ शब्द का इस्तेमाल करता है और इस समुदाय के लिए ‘आदिवासी’ एवं ‘वनवासी’ शब्दों के इस्तेमाल को लेकर कोई भी बहस निरर्थक है.


वनवासी कहकर आदिवासियों का अपमान, माफी मांगे भाजपा


कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी भारत जोड़ो यात्रा के दौरान गुरुवार को मध्य प्रदेश की धरती से बीजेपी पर हमला किया. उन्होंने कहा बीजेपी को 'वनवासी' शब्द का इस्तेमाल करने के लिए माफी मांगनी चाहिए. राहुल गांधी ने मध्य प्रदेश के आदिवासी बहुल क्षेत्रों में यात्रा के दौरान कहा 'वनवासी' शब्द इस्तेमाल करने के लिए बीजेपी को जनजातीय समुदाय से हाथ जोड़ कर माफी मांगनी चाहिए. 


राहुल गांधी का स्टेटमेंट


मध्यप्रदेश में एक रैली में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बृहस्पतिवार को कहा था कि आदिवासियों के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला ‘वनवासी’ शब्द ‘‘अपमानजनक’’ है. राहुल गांधी ने बीजेपी से जनजातियों के लिए इस शब्द का इस्तेमाल करने पर माफी मांगने को कहा था.


पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा था, ‘‘कुछ दिन पहले मैंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक भाषण सुना था जिसमें उन्होंने अपने भाषण में एक नए शब्द का इस्तेमाल किया. उन्होंने ‘आदिवासियों’ के लिए ‘वनवासी’ शब्द का इस्तेमाल किया था. इसका मतलब है कि आदिवासी इस देश के पहले स्वामी नहीं हैं और वे केवल वनों में रहते थे.’’


राहुल गांधी ने घोषणा की कि यदि मध्य प्रदेश में कांग्रेस सत्ता में वापस आती है तो ‘वनवासी’ शब्द समाप्त कर दिया जाएगा और आदिवासियों को उनका अधिकार दिया जाएगा. उन्होंने यह बात खंडवा जिले के बड़ौदा अहीर गांव टंट्या मामा की जन्मस्थली पर भारत जोड़ो यात्रा के दौरान जनसभा को संबोधित करते हुए कही.


एनसीएसटी अध्यक्ष ने क्या कहा


इस विवाद पर राय पूछे जाने पर एनसीएसटी अध्यक्ष ने ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, ‘‘यह राजनीतिक बहस है. इसका कुछ और मतलब नहीं है. संविधान में न तो ‘आदिवासी’ शब्द है और न ही ‘वनवासी’. जनजातीय लोगों के लिए ‘अनुसूचित जनजाति’ शब्द का इस्तेमाल किया गया है.’’ उन्होंने कहा कि संविधान सभा ने काफी सोच विचारकर एवं बहस के बाद संविधान में ‘अनुसूचित जनजाति’ शब्द का इस्तेमाल किया.


हालांकि चौहान ने यह भी कहा कि ‘वनवासी’ शब्द जनजातीय लोगों के लिए अधिक उपयुक्त है. उन्होंने कहा, ‘‘वनवासी शब्द का इस्तेमाल ‘आदिवासी’ से पहले से किया जाता रहा था. ब्रितानी शासनों ने मूलनिवासी समुदायों के लिए ‘आदिवासी’ शब्द का इस्तेमाल करना शुरू कर दिया. ‘वनवासी’ शब्द लंबे समय से, यहां तक कि ‘रामायण काल’ से पहले भी उपयोग में रहा है.’’


उन्होंने कहा कि भारत के संदर्भ में आदिवासी शब्द जनजातीय समुदायों को अन्य से भिन्न नहीं करता, क्योंकि ‘हरेक व्यक्ति दावा करता है कि वह मूल निवासी है. चौहान ने कहा, ‘‘यदि हर व्यक्ति शुरुआती समय से ही भारत में रह रहा है तो आप कैसे उनके बीच भेद कर सकते हैं.’’


सबसे ज्यादा अत्याचार आदिवासियों पर होता है


राहुल गांधी ने कहा, मध्य प्रदेश में सबसे ज्यादा अत्याचार आदिवासियों पर होता है. आदिवासी का मतलब भारत में सबसे पहले आप रहते थे. जब इस देश में कोई नहीं रहता था तब आदिवासी भारत में रहते हैं. आदिवासी ही इस देश के मालिक हैं. उनका जल, जंगल, जमीन और भारत पर पहला हक है. उनके बच्चों को अधिकार मिलना चाहिए. अगर उनका बच्चा इंजीनियर या डॉक्टर बनना चाहता है तो सरकार को उनकी मदद करनी चाहिए. 


गांधी ने कहा था कि 'वनवासी' शब्द के इस्तेमाल के पीछे बीजेपी की यह विचारधारा भी है कि जब बीजेपी के राज में धीरे-धीरे जंगल खत्म हो जाएंगे, तब जनजातीय समुदाय के लिए देश में कोई जगह नहीं बचेगी.


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