Amarnath Cave: अमरनाथ गुफा के पास हुए हादसे के बाद जम्मू कश्मीर प्रशासन यात्रियों की सुरक्षा को लेकर सतर्क है और हर यात्री की संपूर्ण जांच के बाद ही उन्हें यात्रा पर जाने अनुमति दी जा रही है. वहीं, इस हादसे के बावजूद यात्रियों का जोश हाई है. जम्मू में अमरनाथ यात्रियों के बेस कैंप श्री अमरनाथ यात्री निवास के बाहर यह भी उन यात्रियों की है जो यहां से रविवार को श्रीनगर के लिए रवाना हो सकते हैं. इन यात्री बहुत उत्साहित हैं और प्रशासन भी इन यात्रियों की सुरक्षा और सुविधा में कोई कोताही नहीं बरत रहा. जम्मू पहुंच रहे इन यात्रियों की पूरी जांच की जा रही है और यह सुनिश्चित किया जा रहा है कि जिस यात्री के पास रजिस्ट्रेशन स्लिप और आरएफआईडी टैग है उन्हें ही ही आगे यात्रा पर जाने दिया जाए ताकि किसी भी विपरीत स्थिति में उन तक मदद पहुंचाई जा सके.


बम बम भोले का जयघोष लगाते यह वो यात्री हैं जो देश भर से बाबा अमरनाथ के दर्शनों के लिए जम्मू पहुंचे हैं. यात्रियों में इस यात्रा को लेकर कितना जोश है यह खुद तस्वीरें बयां कर रही है. जम्मू पहुंचने से पहले ही इन सभी यात्रियों को अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने की खबर थी, लेकिन इसके बावजूद इन यात्रियों का कहना है कि वह हर हाल में यह यात्रा कर के ही दम लेंगे. इन लोगों का कहना है कि यह एक प्राकृतिक आपदा है और इससे निपटने के लिए प्रशासन ने जम्मू-कश्मीर में पूरे इंतजाम कर रखे हैं और उन्हें किसी बात का डर गया खौफ नहीं है.


लंगर वालों का दावा, दुर्घटना के बाद भी जोश हाई 
जम्मू में बेस कैंप के आसपास काफी लंगर लगते हैं और इन लंगर वालों का भी दावा है कि वह यात्रियों की हर संभव सेवा और सहायता करने के लिए तैयार हैं. इन लंगर वालों का दावा है कि चाहे जितनी मर्जी यात्री आए या फिर यहां जम्मू में यात्रा को रोका जाए वह यात्रियों के खाने पीने का ध्यान रखने में सक्षम है. इन लंगर वालों का दावा है कि इस घटना के बावजूद भी यात्रियों के जोश संख्या में कोई कमी नहीं आई है. रविवार को जम्मू से यात्रा जाएगी या नहीं इस पर फैसला भी नहीं लिया गया है और जम्मू में अभी भी मौसम खराब बना हुआ है.


6000 तीर्थ यात्रियों का दो जत्था रवाना
वहीं शनिवार को अमरनाथ गुफा की यात्रा के लिए दो आधार शिविरों के करीब 6000 तीर्थयात्रियों का दो जत्था रवाना हो गया है. इसके पहल अमरनाथ गुफा के पास बादल फटने से 16 लोगों की मौत हो गई थी जिसकी वजह से यात्रा रोक दी गई थी. इस साल अमरनाथ यात्रा 43 दिनों तक चलेगी. 30 जून को दो रास्तों से बाबा अमरनाथ धाम की यात्रा दो रास्तों से निकाली गई थी. पहले रास्ते से दूरी 48 किमी है और दूसरा रास्ता महज 14 किमी ही है.


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