ADR Report: आठ राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान कुल 3289.34 करोड़ रुपये की आय प्राप्त होने की घोषणा की है और इसमें आधे से अधिक पैसे बीजेपी को मिले हैं. चुनाव सुधार के लिए काम कर रहे प्रमुख एसोसिएशन फोर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) ने यह बुधवार (1 मार्च) को जानकारी दी. 


एनजीओ एडीआर ने विभिन्न दलों के चुनाव आयोग के साथ शेयर किए गए दस्तावेजों का हवाला देते हुए कहा कि पहले नंबर पर बीजेपी और दूसरे स्थान पर ममता बनर्जी की तृणमूल कांग्रेस (TMC) रही है, जिसने 545.745 करोड़ रुपये की आय की घोषणा की है. यह आठ राजनीतिक दलों की कुल आय का 16.59 प्रतिशत है. 


किसने कितना खर्च किया? 


बीजेपी ने 2021-22 के दौरान 1917.12 करोड़ रुपये मिलने के बारे में बताया. इसमें से उसने 854.467 करोड़ रुपये यानी 44.57 फीसदी खर्च किया. कांग्रेस की कुल आय 541.275 करोड़ रुपये रही जिसमें से उसने 400.414 करोड़ रुपये यानी 73.98 प्रतिशत खर्च किया. एडीआर ने कहा कि टीएमसी ने 268.337 करोड़ रुपये यानी 49.17 परसेंट खर्च किया.


किसको कहां से चंदा मिला?


जिन आठ राजनीतिक दलों को राष्ट्रीय राजनीतिक दल का दर्जा चुनाव आयोग से मिला है उनमें बीजेपी, भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस , बहुजन समाज पार्टी (बसपा), राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (NCP), भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा), मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा), ऑल इंडिया तृणमूल कांग्रेस और नेशनल पीपुल्स पार्टी हैं. इन आठ राजनीतिक दलों में से चार -- बीजेपी, टीएमसी, कांग्रेस और एनसीपी ने अपनी कुल आय का 55.09 प्रतिशत या 1811.9425 करोड़ रुपये चुनावी बांड के माध्यम से चंदे के रूप में हासिल किए. 


चुनावी बांड के माध्यम से बीजेपी को 1033.70 करोड़ रुपये, टीएमसी को 528.143 करोड़ रुपये , कांग्रेस को 236.0995 करोड़ रुपये और एनसीपी को 14 करोड़ रुपये चंदा में मिले. एडीआर ने बताया कि इलेक्शन बांड का चलन काफी बढ़ा है. 


किसकी कितनी आय बढ़ी


बीजेपी की आय में वित्त वर्ष 2020-21 की तुलना में 2021-22 में 154.82 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है. उसे 2020-21 में जहां 752.337 करोड़ रुपये मिले थे जो कि 2021-22 में बढ़कर 1917.12 करोड़ रुपये पहुंच गया. वहीं कांग्रेस को 2020-21 में 285.765 करोड़ रुपये मिले थे. यह 2021-22 में बढ़कर 541.275 करोड़ पहुंच गया. 


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